सरकारी अभिलेखों में मृत घोषित कर दिया गया किसान, बोला- साहब मैं जिंदा हूं! मेरी किसान सम्मान निधि मेरे खाते में दो…

पीड़ित किसान तेजपाल सिंह ने बताया कि मेरी नवंबर 2020 तक किसान सम्मान निधि खाते में आ रही थी. लेकिन उसके बाद मेरी कोई निधि नही आ पाई हैं. पता करने पर मुझे जानकारी प्राप्त हुई कि मुझे सरकारी अभिलेखों में अधिकारियों की घोर लापरवाही के चलते मृत घोषित कर दिया है. जिससे मेरी किसान सम्मान निधि रुक गईं हैं.

(रिपोर्ट – विशाल कश्यप)

सरकारी कागजातों में जीवित लोगों को मृत घोषित कर देना स्थानीय सरकारी प्रशासनिक इकाइयों में नया फैशन बन चूका है. रविवार को यूपी के सहारनपुर से एक स्थानीय प्रशासन की पोल खोल देने वाला एक वाकया सामने आया है. यहां सरकारी मशीनरी के गलती की वजह से एक जीवित व्यक्ति को सरकारी अभिलेखों में मृत घोषित कर दिया गया है.

सहारनपुर के ग्रामसभा बालू निवासी किसान तेजपाल सिंह के साथ ऐसी घटना घटित हुई है. उन्हें सरकारी अभिलेखों में मृत घोषित कर दिया गया, जिससे उनकी प्रधानमंत्री सम्मान निधि की किस्त ही रुक गई. पीड़ित किसान ने अनेकों बार जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार लगा चुका है और वह अपने जिंदा होने के सैकड़ों सबूत भी दे चुका है, लेकिन अभी तक अभिलेखों में मृत ही चला आ रहा है.

पीड़ित किसान तेजपाल सिंह ने बताया कि मेरी नवंबर 2020 तक किसान सम्मान निधि खाते में आ रही थी. लेकिन उसके बाद मेरी कोई निधि नही आ पाई हैं. पता करने पर मुझे जानकारी प्राप्त हुई कि मुझे सरकारी अभिलेखों में अधिकारियों की घोर लापरवाही के चलते मृत घोषित कर दिया है. जिससे मेरी किसान सम्मान निधि रुक गईं हैं.

किसान का कहना है कि मेरे मृत घोषित करने पर मुझे व मेरे परिवार को मानसिक पीड़ा पहुंची है. किसान ने जिलाधिकारी व मुख्यमंत्री से फिर गुहार लगाते हुए कहा कि साहब मैं जिंदा हूं! जो भी प्रमाण चाहिए में दे सकता हूं. मेरी किसान सम्मान निधि मेरे खाते में डलवाई जाए.

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