देश के पहले आरआरटीएस का पहला ट्रेनसेट हुआ तैयार, 7 मई को गुजरात मे एनसीआरटीसी को सौंपा जाएगा

गाज़ियाबाद – देश के पहले आरआरटीएस कॉरिडोर का पहला ट्रेनसेट बनकर तैयार हो गया है और 7 मई 2022 को भारत सरकार के आवासन और शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव की उपस्थिति में आयोजित होने वाले एक समारोह में, ट्रैन को एनसीआरटीसी को सौंप दिया जाएगा। पूरी तरीके से मेक इन इंडिया पहल के तहत, यह अत्याधुनिक आरआरटीएस ट्रेन का सारा निर्माण गुजरात के सावली स्थित एल्सटॉम के कारखाने में हो रहा हैं।

गुजरात से ट्रेलर से गाज़ियाबाद लाया जाएगा ट्रेनसेट

एल्स्टॉम द्वारा ट्रेनों को एनसीआरटीसी को सौंपने के बाद इसे बड़े ट्रेलरों पर दुहाई डिपो में लाया जाएगा। जिसे गाजियाबाद में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के परिचालन के लिए तेजी से डेवलप किया जा रहा है। दुहाई डिपो में इन ट्रेनों के संचालन और रखरखाव की सभी सुविधाओं का निर्माण कार्य पूरा होने वाला है। यह हैंडिंग ओवर समारोह शनिवार को एल्स्टॉम (पहले बॉम्बार्डियर) के मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में आयोजित किया जा रहा है, जहां आरआरटीएस ट्रेनसेट की चाबियां एनसीआरटीसी को सौंप दी जाएंगी।

कितनी एडवांस है भारत की पहली आरआरटीएस ट्रेन!

भारत की पहली आरआरटीएस ट्रेनों के इंटीरियर के साथ इसकी कम्यूटर-केंद्रित विशेषताओं का हाल ही में 16 मार्च, को दुहाई डिपो, गाजियाबाद में अनावरण किया गया था। 180 किमी/घंटे की डिजाइन स्पीड, 160 किमी/घंटे की ऑपरेशनल स्पीड और 100 किमी/घंटे की ऐवरेज स्पीड के साथ ये आरआरटीएस ट्रेनें भारत में अब तक की सबसे तेज ट्रेनें होंगी। इन अत्याधुनिक आरआरटीएस ट्रेनों में एर्गोनॉमिक रूप से डिज़ाइन की गई 2×2 ट्रांसवर्स कुशन सीटिंग, खड़े होने के लिए चौड़े स्थान, लगेज रैक, सीसीटीवी कैमरे, लैपटॉप / मोबाइल चार्जिंग सुविधा, डायनेमिक रूट मैप, ऑटो कंट्रोल एम्बिएंट लाइटिंग सिस्टम, हीटिंग वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग सिस्टम (HVAC) और अन्य सुविधाएं होंगी। वातानुकूलित आरआरटीएस ट्रेनों में स्टैंडर्ड के साथ-साथ महिला यात्रियों के लिए आरक्षित एक कोच और प्रीमियम वर्ग (प्रति ट्रेन एक कोच) का कोच होगा। सावली में स्थित एलस्टॉम का मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट पहले आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए कुल 210 कार की डिलीवरी करेगा।

Interior of RRTS Trainset

2022 के अंत तक प्रायोरिटी सेक्शन पर शुरू होगा ट्रायल रन।
आरआरटीएस कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है। ट्रेनों के आने के बाद इस साल के अंत तक प्रायोरिटी सेक्शन पर शुरुआती ट्रायल रन शुरू होने की उम्मीद है। साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर के प्रायोरिटी सेक्शन को 2023 तक और पूरे कॉरिडोर को 2025 तक चालू करने का लक्ष्य रखा गया है।

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