सरकार ने लक्ष्य से दो महीने पहले हासिल की बड़ी उपलब्धि…15,000 जन औषधि केंद्रों की स्थापना

300 सर्जिकल उत्पादों का चयन किया गया है। ये उत्पाद ब्रांडेड उत्पादों से 50% से 80% सस्ते होते हैं। सभी JAKs पर समान एमआरपी लागू है और कोई अतिरिक्त छूट नहीं दी जाती।

सरकार ने मार्च 2025 तक 15,000 जन औषधि केंद्र (JAKs) स्थापित करने का लक्ष्य रखा था, जिसे जनवरी 2025 में ही पूरा कर लिया गया है। 28 फरवरी 2025 तक देशभर में कुल 15,057 JAKs चालू हो चुके हैं।

आगे का लक्ष्य – 20,000 JAKs तक विस्तार
केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि अब सरकार ने मार्च 2026 तक 20,000 JAKs और मार्च 2027 तक 25,000 JAKs स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।

दवाइयों की कीमतें 50-80% कम
जन औषधि योजना के तहत 2,047 दवाइयों और 300 सर्जिकल उत्पादों का चयन किया गया है। ये उत्पाद ब्रांडेड उत्पादों से 50% से 80% सस्ते होते हैं। सभी JAKs पर समान एमआरपी लागू है और कोई अतिरिक्त छूट नहीं दी जाती।

स्मार्ट IT सिस्टम से आपूर्ति श्रृंखला की प्रबंधन
सरकार ने एक केंद्रीकृत IT-Enabled सिस्टम स्थापित किया है, जिसमें गुड़गांव में एक केंद्रीय गोदाम और बेंगलुरु, चेन्नई, सूरत और गुवाहाटी में चार क्षेत्रीय हब हैं। 36 वितरकों का नेटवर्क और स्टॉकिंग सिस्टम सुनिश्चित करते हैं कि आवश्यक उत्पादों की उपलब्धता बनी रहे।

2024-25 में 33% की वृद्धि – बिक्री में वृद्धि
वित्तीय वर्ष 2024-25 में 28 फरवरी तक 1,767.18 करोड़ रुपये की दवाइयां बेची गईं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 33% अधिक है (1,327 करोड़ रुपये)।

जनता को बड़ी बचत – 30,000 करोड़ रुपये की बचत
पिछले 10 वर्षों में JAKs के माध्यम से 6,975 करोड़ रुपये की दवाइयों की बिक्री की गई है, जिससे नागरिकों को ब्रांडेड दवाइयों के मुकाबले लगभग 30,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है।

प्रति दिन 10-12 लाख लोग JAKs का लाभ उठाते हैं
औसतन प्रतिदिन 10-12 लाख लोग जन औषधि केंद्रों से गुणवत्तापूर्ण दवाइयों का लाभ उठाते हैं।

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