
भारत में जेल की सजा पाए तीन पाकिस्तानी नागरिकों की सजा अवधि पूरी होने पर भारत सरकार ने शनिवार को अटारी-वाघा सीमा के जरिए उन्हें पाकिस्तान वापस भेज दिया। विदेश मंत्रालय ने तीनों कैदियों की पहचान समीरा अब्दुल रहमान, मुर्तजा असगर अली और अहमद राजा के रूप में की है। रहमान के साथ उनकी चार साल की बेटी सना फातिमा भी थीं।
विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा, “भारत सरकार सभी भारतीय कैदियों और मछुआरों की शीघ्र रिहाई और प्रत्यावर्तन सहित इस तरह के सभी मानवीय मामलों को सर्वोच्च महत्व देती है।” भारत सरकार के इन्हीं प्रयासों के परिणामस्वरूप इस साल अब तक 20 भारतीय मछुआरों और एक नागरिक कैदी को पाकिस्तान की हिरासत से रिहा कर स्वदेश भेजा गया है।
एक द्विपक्षीय समझौते की शर्तों के तहत, भारत और पाकिस्तान ने बीते 1 जनवरी को एक-दूसरे की जेलों में बंद कैदियों की सूची का आदान-प्रदान किया और भारतीय पक्ष ने नागरिक कैदियों, लापता भारतीय रक्षा कर्मियों और मछुआरों की जल्द रिहाई के लिए मांग की। राजनयिक वार्ता के माध्यम से एक साथ आदान-प्रदान किए गए नागरिक कैदियों और मछुआरों की सूची के मुताबिक, भारत की हिरासत में 282 पाकिस्तानी नागरिक कैदी और 73 मछुआरे थे जबकि पाकिस्तान की हिरासत में 51 नागरिक कैदी और 577 मछुआरे थे जो या तो भारतीय हैं या भारतीय माने जाते हैं।
इन सूचियों का आदान-प्रदान मई 2008 में हस्ताक्षरित कांसुलर एक्सेस (Consular Access) पर समझौते के प्रावधानों के अनुरूप किया जाता है। इस समझौते के तहत, दोनों पक्ष हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को व्यापक सूचियों का आदान-प्रदान करते हैं।