संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी को भेजी गयी चिट्ठी, जानिए क्या है किसानों की मांग?

संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने सिंघू मोर्चा पर बैठक के बाद कल देर शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजा। इस पत्र में, SKM ने कहा कि यद्यपि कि प्रधानमंत्री ने द्विपक्षीय समाधान के बजाय तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के एकतरफा फैसले का घोषणा का रास्ता चुना। इसके बावजूद भी SKM ने घोषणा का स्वागत किया। सोमवार को लखनऊ में आयोजित हुए किसान महापंचायत में किसान हित के कई मुद्दों पर चर्चा हुई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे गए पत्र में सभी किसान संगठनों ने कई मांगे रखी हैं। उन्होंने कृषि उपज पर सभी किसानों के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट में सुझाई गयी लाभकारी एमएसपी (C2 + 50% स्तर पर) के कानूनी अधिकार सहित सरकारी खरीद सुनिश्चित करने की मांग की है। इसके अलावा विद्युत संशोधन विधेयक 2020/2021 की वापसी करने की मांग की गयी है जिसमें कि विद्युत क्षेत्र की स्थिरता को बढ़ाने और हरित ऊर्जा को प्रोत्साहन प्रदान करने के प्रावधान किये गए हैं।

पराली जलाने से होने वाली समस्या को देखते हुए भी किसानों ने दिल्ली वायु गुणवत्ता विनियमन से संबंधित दंडात्मक प्रावधानों के दायरे से खुद को बाहर रखने की मांग की है। तात्पर्य यह है कि अगर किसानों की यह मांग स्वीकार होती है तो वे निर्बाध तरीके से पराली जला सकेंगे और उनपर कोई कानूनी कार्यवाही नहीं हो सकेगी। इसलिए, उन्होंने “राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम 2021” से धारा 15 को हटाने की मांग की है।

SKM की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री को भेजी गई चिट्टी में वर्तमान आंदोलन में हजारों किसानों पर लगाए गए सैकड़ों मुकदमे वापस लेने, भारत सरकार के मंत्रिपरिषद से अजय मिश्रा टेनी की बरखास्तगी और गिरफ्तारी, आंदोलन के शहीदों के परिवारों को मुआवजा और पुनर्वास हेतु आर्थिक सहायता और सिंघू मोर्चा पर उनकी याद में एक स्मारक का निर्माण कराने की मांग की गयी है।

कू अपडेट

लखनऊ में आयोजित हुए किसान महापंचायत के अवसर पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत ने सोशल मीडिया साइट कू पर प्रतिक्रिया दी।

उन्होंने कू पर लिखा कि ”किसान महापंचायत लखनऊ में किसान साथियों द्वारा किए गये स्वागत की तस्वीरें आप सभी के साथ साझा कर रहा हूं।”

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