गहलोत-शशि थरूर के बीच चुनाव होने की खबर, राहुल गांधी अभी भी अध्यक्ष पद के सबसे प्रबल दावेदार

नाव में बैठे हुए राहुल गांधी ने चप्पू हाथ में लेकर फेसबुक पर एक फोटो अपलोड की है. राहुल ने फोटो के कैप्शन में लिखा है कि 'जब नाव बीच मजधार में फंस जाए, तब पतवार अपने हाथ में लेनी ही पड़ती है ना रुकेंगे, ना झुकेंगे, भारत जोड़ेंगे.' इस पोस्ट के बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं ये कांग्रेस की पतवार की तरफ तो इशारा नहीं था.

कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 22 सितम्बर को अधिसूचना जारी होनी है. उससे पहले दावेदार के तौर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सांसद शशि थरूर के नाम सामने आया है. लोकतांत्रिक कहे जाने वाले इस चुनाव में जहां दो बड़े नेताओं की दावेदारी की बात कही जा रही है, वहीं सात राज्यों की इकाइयों ने प्रस्ताव पारित कर राहुल गांधी को ही अध्यक्ष पद के लिए पहली पसंद माना है.

सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा सांसद शशि थरूर के बीच एक बैठक हुई जिसके बाद थरूर की दावेदारी को लगभग तय माना जा रहा है. वहीं कांग्रेस के जादूगर कहे जाने वाले अशोक गहलोत से भी पार्टी को किसी करिश्मे की उम्मीद है. कहते हैं गहलोत को पहले भी कई बार अध्यक्ष पद संभालने के लिए कहा गया लेकिन हर बार उन्होंने केंद्र की राजनीति के बदले राजस्थान को ही प्राथमिकता दी. हालांकि इस बार वो अध्यक्ष पद चुनाव के लिए नामांकन भर सकते हैं.

राहुल गांधी पहले ही साफ कर चुके हैं कि वह अध्यक्ष पद के लिए नामांकन नहीं भरेंगे. बावजूद इसके अबतक 7 राज्यों की प्रदेश इकाइयों ने एक प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें उन्होंने राहुल को ही अपना नेता माना है. वहीं सोमवार को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने फेसबुक पर एक फोटो अपलोड की है.

नाव में बैठे हुए राहुल गांधी ने चप्पू हाथ में लेकर फेसबुक पर एक फोटो अपलोड की है. राहुल ने फोटो के कैप्शन में लिखा है कि ‘जब नाव बीच मजधार में फंस जाए, तब पतवार अपने हाथ में लेनी ही पड़ती है ना रुकेंगे, ना झुकेंगे, भारत जोड़ेंगे.’ इस पोस्ट के बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं ये कांग्रेस की पतवार की तरफ तो इशारा नहीं था.

वैसे भी कांग्रेस का एक बड़ा वर्ग राहुल गांधी को ही अध्यक्ष पद पर देखना चाहता है. राहुल गांधी इस समय देश जोड़ो यात्रा के माध्यम से आम जनता से संपर्क साधने में जुटे हुए हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पूरी तैयारी के साथ उतरना चाहती है जो कि एक पूर्णकालिक अध्यक्ष के बिना असंभव है.

ऐसे में अगर केंद्र में बीजेपी का सामना करना है तो पूरा जोर लगाकर ही मैदान में उतरना होगा. मोदी ब्रांड और राष्ट्रवाद के मुद्दे का सामना करने के लिए कांग्रेस को नेतृत्व और रणनीति दोनो पक्षों में मजबूत होना पड़ेगा.

Related Articles

Back to top button
Live TV