फेल हो गया Exit Poll का रोल, इन पांच राज्यों में बढ़ी BJP की टेंशन; 400 पार से 300 भी संभालना हुआ मुश्किल..

कुछ राज्य तो ऐसे रहें जिन्होंने भाजपा को परेशानी में डाल दिया। तो आइए जानते हैं किन पांच राज्यों ने भाजपा की मुश्किलें बढ़ाई हैं...

लोकसभा चुनाव वोटों की गिनती लगभग ख़त्म होने के मुकाम पर है। इस बीच अभी तक आए रुझानों में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए और INDIA गठबंधन के बीच एग्जिट पोल के उलट मामला नजर आया है। रुझानों में कई सीटों पर एनडीए और INDIA गठबंधन के बीच कांटे की टक्कर नजर आई। कुछ राज्य तो ऐसे रहें जिन्होंने भाजपा को परेशानी में डाल दिया। तो आइए जानते हैं किन पांच राज्यों ने भाजपा की मुश्किलें बढ़ाई हैं और आखिर क्या है उसके पीछे का कारण..?

यूपी में हो गया खेला

दरअसल, 80 सीटों वाला राज्य उत्तर प्रदेश लोकसभा में जीत पाने के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में इस प्रदेश में विपक्ष और पक्ष सभी ने अपना पूरा जोर लगाया। मगर इस बार यूपी में राहुल गांधी और अखिलेश यादव की जोड़ी ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी है। जिन राज्यों से बीजेपी को काफी उम्मीदें थीं उन्होंने ही उसे मुसीबत में डाल दिया। अमेठी, मैनपुरी, रायबरेली सीट से भाजपा को मुंह की खानी पड़ी है। यहाँ से भारतीय जनता पार्टी पीछे चल रही है और देखा जाए तो सबसे बड़ा उलटफेर यहीं होता दिख रहा है। यहां से पिछली बार भाजपा को 62 सीटें मिली थीं, लेकिन इस बार वह इस आंकड़े को छू भी नहीं पाई है।

हरियाणा में मुकाबला टक्कर का

हरियाणा में इस बार जबरदस्त खेला देखने को मिला। भाजपा के लिए इस राज्य से भी खबर अच्छी नहीं रही है। रुझानों के तहत यहां भाजपा और कांग्रेस में जबरदस्त मुकाबला देखने को मिला है। दोनों ही पार्टी पांच-पांच सीटों पर आगे चल रही है। हालांकि, पिछली बार यहां भाजपा का सभी सीटों पर कब्जा था।

राजस्थान में भी लगा झटका

तीसरा राज्य राजस्थान है जहां भाजपा ने पिछली बार क्लीन स्वीप किया था, मगर इस बार मुकाबला कांटे का नजर आ रहा है। यहां भाजपा सिर्फ 14 सीटों पर आगे है जबकि कांग्रेस आठ सीटों पर आगे चल रही है।

महाराष्ट्र में भी टूटा सपना

अब बात करें महाराष्ट्र की तो यहां भाजपा ने भले ही कई हथकंडे अपने हो मगर अब तक उसे कोई फायदा होता नजर नहीं आ रहा। महाराष्ट्र में बीजेपी की गठबंधन वाली पार्टी एनडीए मात्र 25 सीटों पर आगे है तो वहीं इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार 21 सीटों पर आगे हैं। जबकि दो सीटों पर अन्य दलों के उम्मीदवार आगे हैं। ऐसे में यहां भले ही बीजेपी जीत रही हो मगर जीत का मार्जिन चिंता दायक है। 

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