सुप्रीम कोर्ट का निर्देश सेक्स वर्कर्स की पहचान करना जारी रखें राज्य, राशन से वंचित ना किया जाए…

कोरोना महामारी के दौरान सेक्स वर्करों को राशन मुहैया कराने की मांग के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश दिया कि सेक्स वर्कर्स की पहचान की प्रक्रिया जारी रखें और उन्हें राशन से वंचित न करें। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों द्वारा जारी सेक्स वर्कर्स के आंकड़ों पर भी नाराज़गी जताई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा राज्यों द्वारा दाखिल स्थिति रिपोर्टों में सेक्स वर्कर्स के आंकड़े वास्तविक नहीं हैं, सेक्स वर्कर्स की पहचान के लिए राज्य सरकार को समुदाय आधारित संगठनों की सहायता लेनी चहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों से कहा कि राज्य राशन कार्ड के अलावा राज्य NACO और समुदाय आधारित संगठनों द्वारा पहचाने जाने वाले सेक्स वर्कर्स को मतदाता कार्ड भी जारी करें। मामले की सुनवाई के दौरान एमिक्स क्यूरी पिज़्यूश रॉय ने कोर्ट को बताया कि बंगाल सरकार ने सैक्स वर्कर्स के लिए कुछ नहीं किया है बस खाडो साथी कार्ड दिया है, त्रिपुरा सरकार ने सभी सेक्स वर्कर्स को राशन कार्ड दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा सरकार से कहा बहुत से ऐसे लोग हैं जो सेक्स वर्कर्स के रूप में पहचान नहीं कराना चाहते हैं, वह नहीं चाहते कि उनके नाम जाना जाए, पहचान पर जोर दिए बिना राशन देना जारी रखें।

सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल में सेक्स वर्कर्स की संख्या पर सवाल उठाते हुए नाराज़गी जताई। सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार को बंगाल में सेक्स वर्कर्स की दोबारा पहचान करने के लिए कहा साथ ही बिना किसी दूसरे पहचानपत्र की मांग के सेक्स वर्क्सर को राशन कार्ड जारी करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा यह सही संख्या नहीं हो सकती दूसरे राज्यों में 80 से 90 हज़ार सेक्स वर्कर है, 6227 सेक्स वर्कर्स की पहचान के लिए बंगाल सरकार ने क्या मापदंड अपनाया है।

सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार से नाराजगी जताते हुए कहा कि ज्यादातर राज्यों में मामले में स्टेटस रिपोर्ट फाइल किया है, एमिक्स क्यूरी का कहना है कि बंगाल सरकार ने सेक्स वर्कर्स की पहचान के लिए जनवरी 2022 के आदेश का अनुपालन नहीं किया बंगाल सरकार ने सेक्स वर्कर्स को खादो साथी कूपन जिसमें 5 किलो अनाज मिलता है। बंगाल सरकार के वकील ने मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में कहा कि बंगाल में सभी सेक्स वर्कर्स की पहचान कर ली गई है, 6227 सेक्स वर्कर्स की पहचान की गई है, अगर किसी के पास राशनकार्ड नहीं है तो वह खाडो साथी कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल,सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की गई है कि कोरोना महामारी के कारण सेक्स वर्करों की स्थिति बेहद दयनीय है। याचिका में कहा गया है कि देश भर में 9 लाख से ज्यादा सेक्स वर्करों को राशन कार्ड दिया जाए साथ ही अन्य सुविधाएं मुहैया कराया जाए।

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