
टेक डेस्क: भारत आज विश्वगुरु बनने की दौड़ एक कदम और आगे बढ़ गया है, पूरा विश्व भारतीय अंतरिक्ष तकनीक की सराहना कर रहा है केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को कहा देश में अंतरिक्ष उद्योग को निजी कंपनियों के लिए खोलने के कारण बहुत कम समय में भारत में स्पेसटेक स्टार्टअप की संख्या बढ़कर 140 हो गई है। भारत ने यह कीर्तिमान बेहद काम समय में तय किया है।
अपनी बात में जितेंद्र सिंह आगे कहते हैं भारत और अन्य देशो के वैश्विक सहयोग अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था से वैश्विक अर्थव्यवस्था तक उनकी एक बड़ी भूमिका रही है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने देश में नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को प्रेरित करने और बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रौद्योगिकी में प्रगति और अंतरिक्ष पहुंच की घटती लागत ने स्टार्टअप्स के लिए अंतरिक्ष उद्योग में प्रवेश करना अधिक संभव बना दिया है।
Addressed the inaugural session of #G20 Space Leaders Meet at #Bengaluru. "India under the leadership of PM Sh @narendramodi recognised as a global player in Space Applications, Technology and #StartUps." pic.twitter.com/ZPYb1XfKkE
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) July 6, 2023
भारत में आज कई नए स्पेस टेक स्टार्टअप्स धीरे धीरे आगे आ रहे हैं परिणामस्वरूप, घरेलू स्पेस टेक क्षेत्र वैश्विक और स्थानीय निवेशकों के लिए एक आकर्षक दांव के रूप में उभरा है। भारतीय स्पेस टेक स्टार्टअप्स ने 2014 के बाद से 205 मिलियन डॉलर से अधिक की फंडिंग जुटाई है।









