
एमपी कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने रविवार, 12 जनवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जिसमें उन्होंने सौरभ शर्मा मामले में गंभीर आरोप लगाए। खासतौर पर जांच एजेंसियों की भूमिका को लेकर बड़े सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच तीन विभागों द्वारा की जा रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। पटवारी ने कहा कि न तो किसी की गिरफ्तारी हुई है और न ही पूछताछ की गई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि जांच रुक गई है। उन्होंने सवाल उठाया कि इसके पीछे कौन जिम्मेदार है, इसका पता लगाना आवश्यक है।
पटवारी ने मांग की कि इस मामले की जांच शीघ्र और पारदर्शी तरीके से पूरी की जाए ताकि सच्चाई सबके सामने आ सके। उन्होंने बताया कि लोकायुक्त, आयकर विभाग और ईडी ने सौरभ शर्मा के घर पर छापेमारी की, जिसमें 100 करोड़ रुपये की संपत्ति, 11 करोड़ रुपये नकद और 55 किलो सोना बरामद हुआ। इस छापेमारी के दौरान एक डायरी का जिक्र भी किया गया, जिसे पटवारी कई बार अपने साथ ले गए थे। उन्होंने कहा कि इस डायरी को सार्वजनिक किया जाना चाहिए ताकि इसकी सामग्री सबके सामने आ सके।
दो सीएम के कार्यकाल में घोटाला
जीतू पटवारी ने सरकार के कामकाज को लेकर भी सवाल खड़े किए और तो और उन्होंने ये भी कहा कि ये पूरा कांड को दी सीएम के कार्यकाल में हुआ एक शिवराज सिंह चौहान और दूसरे मोहन यादव सौरभ शर्मा ने दोनो के साथ ही काम किया हुआ है।
लाल डायरी के उन 6 पन्नों में क्या
जीतू पटवारी ने कहा कि उनकी डायरी के इन छह पन्नों में एक चेकपोस्ट से 1536 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। दूसरे खाते में 130 करोड़ रुपये और तीसरे खाते में 155 करोड़ रुपये वन टाइम पेमेंट का हिसाब छह पन्नों में हैं, तो फिर 66 पन्नों में क्या होगा। मतलब 1300 करोड़ के लगभग इन 6 पन्नों में आया है तो 66 पन्नों में क्या आया होगा? क्या कोई सरकारी एजेंसी बताएगी कि यह छः पन्ने कहां से आए?