लग सकता है महंगाई का बड़ा झटका, देश में बढ़ सकते है पेट्रोल और डीजल के दाम

अंतराष्ट्रीय बाजार में 2008 के बाद पहली बार इतना महंगा हुआ है कच्चा तेल. कच्चा तेल 13 साल बाद इस प्रकार के ऊँचे रिकॉर्ड दाम पर पहुंचा है. इसका असर ये है कि सभी एनर्जी कमोडिटीज दशक के उच्चतम स्तर पर पहुँच गएँ हैं.

दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच हो रहे युद्ध का असर कच्चे तेलों के दामों पर जमकर पड़ा है. आलम ये है कि कच्चे तेल के दाम अब तक के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गए हैं. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 140 डॉलर/बैरल तक पहुँच गया है, जो अब तक का सबसे ऊचा स्तर है, अंतराष्ट्रीय बाजार ब्रेंट क्रूड के दाम 139 डालर पहुंच गएँ हैं.

अंतराष्ट्रीय बाजार में 2008 के बाद पहली बार इतना महंगा हुआ है कच्चा तेल. कच्चा तेल 13 साल बाद इस प्रकार के ऊँचे रिकॉर्ड दाम पर पहुंचा है. इसका असर ये है कि सभी एनर्जी कमोडिटीज दशक के उच्चतम स्तर पर पहुँच गएँ हैं.


बढे हुए तेलों के दामों का असर सीधे देश में बिक रहे पेट्रोल और डीजल पर पड़ेगा जिससे महंगाई का एक बड़ा झटका लग सकता है. लगातार बढ़ रहे क्रूड तेल के दामों में इज़ाफ़ा के कारण तेल कंपनियां कभी भी दाम बढ़ा सकती है. ये माना जा रहा है कि जब तक रूस और यूक्रेन के बीच ये युद्ध समाप्त नहीं होता है तब तक अभी और भी कच्चे तेलों के दाम बढ़ सकते हैं. कई जानकारों का मानना है कि बहुत संभव है कि तेल कम्पनिया दहाई तक के आकड़े के साथ तेलों के दामों में वृद्धि कर सकती हैं.

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