छत्तीसगढ़ के उग्रवाद प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में शनिवार 16 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने बताया कि राज्य की राजधानी रायपुर से करीब 400 किलोमीटर दूर दंतेवाड़ा में पुलिस पुनर्वास अभियान ‘लोन वरातु’ के तहत कार्यकर्ताओं ने पुलिस अधिकारियों के सामने खुद को प्रस्तुत किया।
पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने आगे बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले 16 विद्रोहियों में से मिलिशिया सदस्य जोगा कुंजाम (26) कथित तौर पर जिले में सुरक्षा कर्मियों पर हमले सहित कई नक्सली घटनाओं में शामिल था। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नीति के अनुसार उग्रवादियों का पुनर्वास किया जाएगा।
पिछले साल जून में छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा लोन वरातु (अपने घर / गांव में वापसी के लिए स्थानीय गोंडी बोली का शब्द) नामक एक अभियान की शुरुआत की गयी थी। इसके बाद इस अभियान का सकारत्मक प्रभाव पड़ता दिख रहा है। इसी अभियान का असर है कि अब तक राज्य के नक्सल प्रभावित इलाकों में 119 इनामी नक्सलियों समेत कुल 475 दूसरे नक्सलियों ने हिंसा छोड़ दी है और समाज की मुख्य धारा में लौट रहे हैं।
पुलिस अधिकारी ने जानकारी देते हुए आगे बताया कि इस पहल के तहत, दंतेवाड़ा पुलिस ने कम से कम 1,600 नक्सलियों के पैतृक गांवों में पोस्टर और बैनर लगाए हैं, जिनमें से ज्यादातर के सिर पर नकद इनाम है, और उनसे मुख्यधारा में लौटने की अपील की गयी है।