
उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने 2027 के विधानसभा चुनावों को लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं। टिकट के दावेदारों के लिए अब पंचायत चुनाव जीतना पहली शर्त बन गई है। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि ज़मीनी पकड़ और संगठनात्मक क्षमता को परखने का सबसे बेहतर तरीका पंचायत चुनाव हैं।
राज्य में अगले साल मार्च-अप्रैल में पंचायत चुनाव होने वाले हैं, और कांग्रेस इन्हें विधानसभा की तैयारी के पहले चरण के रूप में देख रही है। इसके लिए पार्टी ने आगामी 100 दिनों का एक विशेष अभियान शुरू किया है, जिसमें बूथ स्तर तक सदस्य बनाने पर जोर दिया जाएगा।
इसके साथ ही जिलों में समन्वय के लिए ज़िला पदाधिकारियों के माध्यम से विधानसभा प्रभारी नियुक्त किए जाएंगे। इन्हीं विधानसभा प्रभारियों में से कांग्रेस अपने संभावित उम्मीदवार तय करेगी।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, यह रणनीति उन नेताओं को मौका देने की है जो ज़मीनी स्तर पर काम कर रहे हैं और जनता से जुड़ाव रखते हैं। साथ ही इससे गुटबाजी पर भी नियंत्रण रखने की उम्मीद है।
इस नई प्रक्रिया के तहत कांग्रेस प्रदेश में संगठन को मजबूत करते हुए जनता के बीच पैठ बनाने की कोशिश कर रही है, जिससे आगामी चुनावों में पार्टी को बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।









