वाराणसी। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ में मुस्लिम समाज के एंट्री पर रोक लगाए जाने की मांग देशभर के संत कर रहे है। धर्म की नगरी काशी में सुमेरू पीठ के शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने धर्म की रक्षा के लिए कुंभ में मुस्लिम समाज की एंट्री को पूरी तरह प्रतिबंधित किए जाने की मांग को जायज बताया है। उन्होंने कहा कि यदि मुस्लिमों को कुंभ में एंट्री मिलती है, तो सनातन धर्म के लोगो की आस्था को ठेस पहुंचेगा। विपक्ष के नेताओं के द्वारा कुंभ में सभी लोगों को एंट्री दिए जाने की वकालत किए जाने पर स्वामी नरेंद्रानंद ने कहा कि जो नेता मुस्लिमों की एंट्री की मांग कर रहे है, उनकी बुद्धि भ्रष्ट हो गई है। उन नेताओं को पहले मस्जिदों और मक्का में हिंदुओं की दुकान खुलवाना चाहिए,फिर कुंभ में किसी के एंट्री पर बात करना चाहिए। यदि वह ऐसा नहीं करते हुए,तो वह समाज के माहौल को खराब करना चाहते है, ऐसे लोगों को सरकार जेल में डाल दें,क्योंकि इनकी भाषा देशहित के बजाए आतंकवाद और उग्रवाद वाली है।
कुंभ में संत करेंगे वक्फ़ बोर्ड समाप्त करने और सरकारी नियंत्रण से मंदिरों को मुक्त करने पर होगी चर्चा
जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि कुंभ के मेले में वक्फ़ बोर्ड को देश से समाप्त करने और सनातन मंदिरों से सरकारी नियंत्रण को हटाने सहित सनातन के कई मुद्दों पर चर्चा कर समाधान के लिए संत रणनीति तैयार करेंगे। वही उन्होंने सरकार से मांग किया कि यदि वक्फ बोर्ड समाप्त नहीं होता है, तो देश में सनातन के लिए भी एक बोर्ड निर्माण करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने RSS के तर्ज पर सनातन हिंदू महासंघ के निर्माण करने की मांग की। सनातन हिंदू महासंघ में संतो के साथ देश के बुद्धजीवी, समाजसेवी और पत्रकारों के साथ नेताओं को रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि सनातन हिंदू महासंघ देश में सनातन धर्म पर आ रहे संकट और समस्याओं को नियंत्रण और निर्देशन सनातन धर्म को दिया जाए।