केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के उच्च सदन में बयान देने के तुरंत बाद, विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने अनुरोध किया कि सदन के सभी नेताओं को बोलने के लिए कुछ मिनट दिए जाने चाहिए। हालांकि, विपक्षी नेताओं के सैन्य दिवंगतों को श्रद्धांजलि देने के अनुरोध को डिप्टी चेयरपर्सन हरिवंश नारायण सिंह ने ठुकरा दिया। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री ने सदन को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी है और सामूहिक रूप से संवेदना व्यक्त की गई है।
जैसे ही विपक्षी नेताओं ने उन्हें बोलने की अनुमति देने के लिए डिप्टी चेयरपर्सन पर दबाव डाला, तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सदस्यों ने विरोध में सदन से वॉक-आउट (Walk-Out) किया।
सदन के बाहर बोलते हुए, TMC विधायक सुष्मिता देव ने कहा, “निलंबित सांसदों ने राष्ट्र शोक में एक मिनट का मौन रखा। आज विरोध करने का दिन नहीं है। संसद में कोई व्यवधान नहीं हुआ। हम बस इतना चाहते थे कि हर पार्टी को सैन्य अफसरों की मौतों पर शोक व्यक्त करने और एकजुटता व्यक्त करने का मौका दिया जाए, ताकि सही संदेश जा सके लेकिन हमें इसकी अनुमति नहीं दी गयी और हमारी आवाज को दबाने की कोशिश की गयी जिसके कारण हमने सदन से बाहर निकलने का फैसला किया।
राष्ट्रीय जनता दल के नेता मनोज झा ने कहा कि विपक्षी नेताओं को सभी दिवंगतों को श्रद्धांजलि देने का मौका दिया जाना चाहिए था, जो कि संसदकी एक मानक प्रथा है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए आगे कहा कि “मुझे बताया गया है कि इस तरह की राष्ट्रीय त्रासदियों के साथ, हर नेता एक संदर्भ देता है। श्रद्धांजलि अर्पित करना सदन को एकजुट करती है और इसकी अनुमति दी जानी चाहिए थी, लेकिन अगर श्रद्धांजलि को पक्षपातपूर्ण नजरिए से देखा जाता है, तो चीज अच्छी नहीं होती हैं।”