नाम बदलने की शुरुआत! तुगलक लेन हुआ विवेकानंद मार्ग…BJP सांसद दिनेश शर्मा ने बदला अपने घर का पता!

Tuglaq Lane Name Change: दिल्ली में नए नामों का सिलसिला लगातार जारी रहने की संभावना है। इसका उद्देश्य जहां एक ओर दिल्ली को नया रूप देना है..

Tuglaq Lane Name Change: दिल्ली में एक नया नामकरण खेल शुरू हो गया है, और इस बार बीजेपी सांसदों ने खुद अपने घरों के पते बदलने का फैसला किया है। तुगलक लेन का नाम अब विवेकानंद मार्ग के रूप में देखा जा रहा है। सोशल मीडिया पर इस बदलाव की तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जहां बीजेपी सांसदों ने तुगलक लेन का नाम बदलकर विवेकानंद मार्ग लिखवा लिया है।

बीजेपी सांसदों ने बदलवाया अपना पता

यूपी से राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने अपने घर का पता बदलते हुए अब तुगलक लेन के स्थान पर “6, विवेकानंद मार्ग” लिखवाया है। इसी तरह, सांसद कृष्णपाल गुर्जर ने भी अपने घर का पता “8 विवेकानंद मार्ग” कर लिया है। दिलचस्प बात यह है कि इन नेताओं के घरों पर तुगलक लेन के नाम के साथ ब्रैकिट में अभी भी यह पुराने नाम का जिक्र किया गया है, लेकिन नाम बदलने की इस प्रक्रिया ने एक नई दिशा पकड़ ली है।

इसके अलावा, वाइस एडमिरल किरण देशमुख ने भी अपने सरकारी आवास का नाम बदलते हुए उसे “4 विवेकानंद मार्ग” कर दिया है। यह बदलाव दिल्ली में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद से हुआ है और इसमें एक नई राजनीति और संस्कृति का संकेत मिल रहा है।

नाम बदलने की प्रक्रिया में नया मोड़

दिल्ली में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से कई इलाकों और स्थानों के नाम बदलने की मांग तेज हो गई है। जैसे कि मुस्तफाबाद और नजफगढ़ का नाम बदलने की मांग की जा रही है। भाजपा विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने तो मुस्तफाबाद का नाम शिवपुरी या शिव विहार रखने की मांग की है, जबकि नजफगढ़ का नाम बदलकर नाहरगढ़ करने की बात की जा रही है। इसी तरह, औरंगजेब रोड का नाम बदलने की भी चर्चा है।

इससे पहले, दिल्ली में कई योजनाओं के नाम भी बदलने की बात हो चुकी है, जैसे कि मोहल्ला क्लीनिक को अब आयुष्मान आरोग्य मंदिर के नाम से जाना जाएगा। ये बदलाव दिल्ली के विकास और राजनीति में नया आयाम जोड़ रहे हैं, जो आने वाले समय में और भी बड़े बदलावों को जन्म दे सकते हैं।

दिल्ली में तुगलक लेन का नाम बदलकर विवेकानंद मार्ग रखने की यह पहल सिर्फ एक शुरुआत है। आने वाले समय में दिल्ली के कई अन्य इलाकों और योजनाओं के नाम बदले जा सकते हैं। यह बदलाव दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ लाता है, जो समय के साथ और भी बड़े बदलावों की ओर अग्रसर हो सकता है।

अब देखना यह होगा कि दिल्ली में और कौन-कौन से नाम बदलते हैं और इस प्रक्रिया से दिल्ली के लोग किस प्रकार प्रभावित होते हैं।

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