दो NRI बहनें हुईं डिजिटल अरेस्ट का शिकार, मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बता की गई जालसाजी

दो एनआरआई बहनों के साथ 1.90 करोड़ रुपये की ठगी हुई, जिसमें उन्हें डिजिटल अरेस्ट करके धोखाधड़ी का शिकार बनाया गया।

दो एनआरआई बहनों के साथ 1.90 करोड़ रुपये की ठगी हुई, जिसमें उन्हें डिजिटल अरेस्ट करके धोखाधड़ी का शिकार बनाया गया।

जालसाजों ने इन दोनों बहनों को दो दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रखा। उन्होंने जेट एयरलाइंस के मालिक नरेश गोयल के मनी लांड्रिंग केस में नाम आने का डर दिखाया और दोनों को धमकाया कि उनके बैंक खातों से आतंकियों के खाते में ट्रांजैक्शन हो रहे हैं।

उम्रभर की सजा का डर दिखाकर जालसाजों ने करीब दो करोड़ रुपये ट्रांसफर कराए। पीड़ितों ने अपनी बैंक खातों और एफडी को तुड़वाकर यह रकम ट्रांसफर की।

सुमन कक्कड़ (70) और उनकी छोटी बहन विनय थपलियाल (65), जो इंदिरा नगर में रहती हैं, इस ठगी का शिकार हुईं। दोनों बहनों के पास कनाडा की नागरिकता है और उनके बच्चे भी वहां रहते हैं। इस समय दोनों बहनें भारत आई हुई थीं।

25 नवंबर को सुमन के मोबाइल पर जालसाजों ने मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर वीडियो कॉल की। कॉल के दौरान, छोटी बहन विनय भी जालसाजों से जुड़ गई। जालसाजों ने गिरफ्तारी का डर दिखाकर उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर लिया और उनके बैंक खातों और एफडी की जानकारी ली।

28 नवंबर तक जालसाजों ने कुल 10 बैंक खातों में करीब दो करोड़ रुपये ट्रांसफर करवा दिए। इस मामले की एफआईआर साइबर क्राइम थाने में दर्ज की गई है, और साइबर क्राइम पुलिस ने 25 लाख रुपये फ्रीज कर दिए हैं। इस ठगी के दौरान चार राज्यों के कई बैंक खातों में कुल 2 करोड़ रुपये ट्रांसफर हुए।

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