
यूक्रेन युद्ध में भारत की सहायता की सराहना
यूक्रेन की एम्बेसी की कांसुलर विभाग की तीसरी सचिव ओलेना इलचुक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद दिया है कि भारत ने रूस के साथ युद्ध में यूक्रेन को मानवीय सहायता प्रदान की। इलचुक ने यह संदेश News18 SheShakti 2025 के दौरान ‘Diplomacy through her lens’ सत्र में दिया।
महिलाओं और बच्चों की मुश्किलों पर प्रकाश
इलचुक ने कहा कि कई महिलाएं अपने बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए अपने देश से पलायन कर रही हैं। उन्होंने बताया कि “महिलाओं के लिए अपने सामान्य जीवन, काम, पढ़ाई, परिवार और बच्चों को संभालना युद्ध के दौरान अत्यंत चुनौतीपूर्ण है।”
रूस-यूक्रेन युद्ध: एक अस्तित्व संकट
इलचुक ने रूस और अमेरिका के बीच शांति वार्ता पर टिप्पणी करते हुए कहा कि रूस के साथ हुए कई समझौते विफल रहे हैं। उन्होंने कहा, “यह केवल क्षेत्रीय युद्ध नहीं है, बल्कि यह अस्तित्व का युद्ध है। रूस, यूक्रेनी पहचान, भाषा और स्वतंत्र राष्ट्र होने के विचार को स्वीकार नहीं कर सकता।”
नाटो और रूस के संबंध
लिथुआनियाई एम्बेसडर डायना मिकेविचिएने ने रूस की नाटो को लेकर आशंकाओं पर कहा कि कोई कारण नहीं है कि रूस यह समझे कि नाटो का सीमा पर होना हमला है। उन्होंने बताया कि रूस पर आखिरी हमला 1969 में चीन ने किया था।
शांति वार्ता और सुरक्षा गारंटीज़ पर रूस का रुख
क्रेमलिन ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के बीच संभावित शिखर बैठक पर चर्चा सुरक्षा गारंटीज़ के बिना नहीं हो सकती। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि “रूस के बिना सुरक्षा गारंटीज़ पर गंभीर चर्चा करना यूटोपिया है।”









