‘गॉड सेव किंग चार्ल्स’ से गूंजा बकिंघम पैलेस, किंग चार्ल्स III की ताजपोशी संपन्न

जून 1953 में अपने खुद के राज्याभिषेक के दौरान राजा की दिवंगत मां, महारानी एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा उन्हें पहना गया था. वहीं इससे पहले मई 1937 में अपने राज्याभिषेक के समय राजा के दिवंगत दादा, किंग जॉर्ज VI द्वारा महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को पहना गया था.

शनिवार को किंग चार्ल्स III की ब्रिटेन के 40वें सम्राट के रूप में भव्य ताजपोशी हुई. चार्ल्स III न्याय और दया के साथ लोगों पर शासन करने के साथ इंग्लैंड के एंग्लिकन चर्च और स्कॉटलैंड के प्रेस्बिटेरियन चर्च के कायदों को बरकरार रखने की शपथ ली. रॉयल फैमिली के वादकों और बकिंघम पैलेस में मौजूद ब्रिटेन के लोगों ने ‘गॉड सेव किंग चार्ल्स’ का गायन करते किया.

यह संगीत वेस्टमिंस्टर एब्बे के माध्यम से प्रतिध्वनित हुआ क्योंकि 70 वर्षों में पहले यूके राज्याभिषेक में चार्ल्स III को राजा का ताज पहनाया गया था. जून 1953 में अपने खुद के राज्याभिषेक के दौरान राजा की दिवंगत मां, महारानी एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा उन्हें पहना गया था. वहीं इससे पहले मई 1937 में अपने राज्याभिषेक के समय राजा के दिवंगत दादा, किंग जॉर्ज VI द्वारा महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को पहना गया था.

किंग चार्ल्स III की ताजपोशी शाही तरीके से पूरे विधि विधान के साथ संपन्न हुई. बाद में चार्ल्स III की पत्नी कैमिला को वेस्टमिंस्टर एब्बे में ताज पहनाया गया. जिसके बाद उन्हें “क्वीन कंसोर्ट” से क्वीन बनने पर सभी शाही अधिकार सौंपे गए. पिछले सितंबर में अपनी मां महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मृत्यु के तुरंत बाद ही किंग चार्ल्स III ने गद्दी संभाल ली थी लेकिन शनिवार को उन्हें औपचारिक रूप से राजा का ताज पहनाया गया.

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