UP: अलीगढ़ में कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों का एक ही कमरे में चल रहा है स्कूल, बिल्डिंग भी है जर्जर, हादसे का इंतजार कर रहा विभाग

अलीगढ़ में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है। यहां एक ही कमरे में कक्षा 1 से लेकर 5 तक की कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाने का काम किया जा रहा है। स्कूल की हालत भी जर्जर बनी हुई है। बच्ची-बच्चे दोनों ही पढ़ते हैं। लेकिन शौचालय स्कूल में है ही नहीं, जो है वह भी खंडहर में तब्दील हो चुका है।

रिपोर्ट-मुकेश गुप्ता

अलीगढ़. अलीगढ़ में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है। यहां एक ही कमरे में कक्षा 1 से लेकर 5 तक की कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाने का काम किया जा रहा है। स्कूल की हालत भी जर्जर बनी हुई है। बच्ची-बच्चे दोनों ही पढ़ते हैं। लेकिन शौचालय स्कूल में है ही नहीं, जो है वह भी खंडहर में तब्दील हो चुका है। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आखिर एक कमरे में बैठकर 1 से लेकर 5 तक के बच्चे कैसे अध्ययन कर पा रहे होंगे। जबकि उत्तर प्रदेश सरकार बेहतर शिक्षा देने के लाख दावे करती हुई थक नहीं रही है। लेकिन यह तस्वीर प्रदेश सरकार की बेहतर शिक्षा देने के दावे की पोल खोलती हुई नजर आ रही है।

दरअसल, उत्तर प्रदेश के जिला अलीगढ़ के विभिन्न इलाकों में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी स्कूल संचालित हैं। लेकिन इन सरकारी स्कूल की दुर्दशा क्या है आज इसकी हकीकत जानने के लिए अलीगढ़ महानगर के बेला मार्ग स्थित सरकारी स्कूल में पहुँचे, जहाँ एक ही बिल्डिंग में प्राइमरी पाठशाला 29, 44, 41 संचालित हैं। बिल्डिंग के एक-एक कमरे के अंदर कक्षा 1 से लेकर 5वीं तक के बच्चे बैठकर पढ़ाई करते हुए दिखाई दिए। यह कमरा लगभग 10 वाई 12 का होगा। इस कमरे के अंदर बच्चों के साथ-साथ काफी अन्य सामान भी रखा हुआ है।

इस बात से साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां बच्चे पढ़ाई करने नहीं, बल्कि खाली बैठने के लिए आते हैं। जब स्कूल की प्रधानाध्यापिका से इस संबंध में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यहां बच्चे बैठे हुए हैं। पढ़ाई अन्य जगह पर कराई जाती है। लेकिन पूरे कैंपस में दूसरी जगह पढ़ाई की कहीं दिखाई नहीं दे रही है। इससे यह पता चलता है कि सरकारी स्कूलों की दुर्दशा काफी नाजुक है। जहां बच्चों को पढ़ाई के लिए नहीं, बल्कि बैठाने के लिए बुलाया जाता है। अगर इस कमरे में 1 से लेकर 5 तक के बच्चों को अलग-अलग समय पर पढ़ाया जाता होगा, तो दूसरी क्लास के बच्चों को जरूर डिस्टरबेंस पैदा होता होगा। इस दौरान उन्हें पढ़ाई तो नहीं होती होगी, लेकिन उनका टाइम पास जरूर हो जाता होगा।

वहीं, जब प्राइमरी पाठशाला 29, 44, 41 की प्रधानाध्यापक नीता से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि इसी कमरे के अंदर 1 से लेकर 5वीं कक्षा तक के बच्चे पढ़ाई करते हैं और कमरा मानक के हिसाब से छोटा है और इस कमरे के अंदर 40 बच्चे बैठ कर पढ़ाई करते हैं। कुछ बच्चे बाहर भी बैठते हैं और इस कमरे के अंदर सामान भी रखा हुआ है। 5th क्लास में 8 बच्चे, दूसरी क्लास में 3 बच्चे, 4th क्लास में 12 बच्चे, पहली क्लास में 12 बच्चे, पढ़ाई करते हैं। कुल मिलाकर इस कमरे में 40 बच्चे पढ़ाई करते हैं।

वहीं, जब विष्णुपुरी स्थित कन्या प्राइमरी पाठशाला संख्या 27 में स्कूल की हकीकत जानने पहुंचे तो स्कूल जर्जर हालात में है। और यहां पर भी एक ही कमरा है। इस कमरे के अंदर भी 1 से लेकर 5 तक की क्लास संचालित की जाती हैं। और यहां 3 शिक्षक आए हैं। अगर बात स्कूल की, की जाए तो स्कूल और उसके अंदर संचालित कक्षाएं पूरी तरह से जर्जर हालात में हैं। यहीं पर बच्चों को दिए जाने वाला खाना बनाया जाता है। और यहीं पर बच्चों को पढ़ाया जाता है। वहीं, जब इस संबंध स्कूल की प्रधानाध्यापिका विनीता गुप्ता से बातचीत की गई तो उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि स्कूल में कुल 39 बच्चे हैं। और एक ही कमरे में यह बच्चे पढ़ाई करते हैं। हालांकि क्लास में 10-12 बच्चे पढ़ाई करते हुए मिले। जिनमें से कई बिना स्कूल यूनिफॉर्म में देखने को मिले।

आगे विनीता गुप्ता ने बताया कि स्कूल की हालत जर्जर है। स्कूल में पीने के लिए पानी की व्यवस्था, शौंचालय की व्यवस्था नहीं है। बिल्डिंग जर्जर होने के कारण अभिभावक एडमिशन भी करवाने में कतराते हैं। इधर बच्चों ने भी जानकारी दी। इधर कन्या प्राइमरी पाठशाला संख्या 27 के संबंध में कुछ अभिभावकों ने बताया है कि यह बिल्डिंग कभी दान में स्कूल को दी गई थी। लेकिन, अब दानदाता के पुत्र द्वारा विभाग से मिली भगत करके जीर्णोद्धार नहीं होने दिया जा रहा है।

बेसिक शिक्षा अधिकारी सत्येंद्र कुमार ढाका ने जानकारी देते हुए बताया कि अलीगढ़ महानगर में नए स्कूल बनाने की कवायद की जा रही है और कुछ समय से एक ही कमरे में 1 से लेकर 5 तक की क्लास संचालित कराई जा रही हैं। जिससे बच्चों को पढ़ाया जा सके। लेकिन कई स्कूल ऐसे हैं, जहां बच्चों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। जब बेसिक शिक्षा अधिकारी से पूछा गया कि एक ही कमरे में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। साथ ही खाना भी बनाया जा रहा है। और बच्चों को टॉयलेट करने के लिए अपने घर जाना पड़ता है। तो इस पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा कि ऐसा कहीं कोई मामला संज्ञान में नहीं आया। अगर ऐसा कोई मामला संज्ञान में आएगा तो उस पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। लेकिन नए स्कूल बनाने की कार्यवाही की जा रही है। शासन के द्वारा बजट आवंटित कर दिया गया है।

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