उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है। विधानसभा चुनाव में कुछ दिन ही बचे है। वही, सियासी पार्टियों के बीच वार- प्रत्यावार का दौर भी जारी है। कोई किसी से खुद को कम नहीं समझ रहा एक दूसरे पर वार-पलटवार जमकर किए गए हैं। इसी कड़ी में दो राज्यों के मुख्यमंत्रियों में जंग हो गई है ये जंग यूपी और दिल्ली के बीच हुई हैं एक तरफ अरविंद केजरीवाल हैं तो दूसरी तरफ सीएम योगी आदित्यनाथ।
दरअसल, सोशल मीडिया के सबसे बड़े प्लेटफार्म ट्वीटर पर दोनों नेता एक दूसरे से लड़ते नजर आए हैं। बता दें शुरूआत प्रधानमंत्री मोदी के एक बायन से हुई जो उन्होंने संसद में दिया था जिसमें उन्होंने दिल्ली की आप सरकार पर आरोप लगाए थे की उन्होंने कोरोना काल में मजदूरों को छोड़कर जाने को कहा था।
प्रधानमंत्री मोदी के इसी बयान का जवाब ट्वीटर पर अरविंद केजरीवाल ने दिया था। जिसके बाद, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बाद एक कई ट्वीट करके दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर जमकर हमला बोला। योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट किया, केजरीवाल को झूठ बोलने में महारथ हासिल है। जब पूरा देश आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से जूझ रहा था, तब केजरीवाल ने प्रवासी मजदूरों को दिल्ली से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
सीएम योगी ने ट्वीट कर लिखा, सुनो केजरीवाल, जब पूरी मानवता कोरोना की पीड़ा से कराह रही थी, उस समय आपने यूपी के कामगारों को दिल्ली छोड़ने पर विवश किया छोटे बच्चों व महिलाओं तक को आधी रात में यूपी की सीमा पर असहाय छोड़ने जैसा अलोकतांत्रिक व अमानवीय कार्य आपकी सरकार ने किया. आपको मानवताद्रोही कहें या…’
यूपी के सीएम योगी के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘सुनो योगी, आप तो रहने ही दो जिस तरह UP के लोगों की लाशें नदी में बह रहीं थीं और आप करोड़ों रुपए खर्च करके मैगज़ीन में अपनी झूठी वाहवाही के विज्ञापन दे रहे थे आप जैसा निर्दयी और क्रूर शासक मैंने नहीं देखा ‘
वहीं, आप नेता संजय सिंह ने योगी आदित्यनाथ की भाषा पर सवाल उठाए हैं. संजय सिंह ने ट्वीट किया, ‘सुनो आदित्यनाथ, क्या तुमको नही लगता की तुम्हारी भाषा मुख्यमंत्री के बजाय चौराहा छाप नेता की है?’
फिलहाल ट्वीटर पर हुई दो राज्यों के मुख्यमंत्रियो के बीच इस जंग की चर्चा देश भर में हैं और कोरोना की पहली और दूसरी लहर में हुई तबाही की तस्वीरें पूरा देश नहीं भूला है और अब मुख्यमंत्रियों में खुद के कामो को बेहतर बताने की जंग होने लगी है जो अपनी भाषाई मर्यादाओं को तोड़ रही है।