UP : आजम खान ने जनता से मांगा वोट, बोले- रामपुर वालों मेरे मुंह पर कालिख मत पुतने देना…

सपा नेता आज़म ने बीती रात अपने ग्रह जनपद रामपुर के किले के मैदान में आवाम को सम्बोधित करते हुए जेल के दर्द बयां किए। इस दौरान कहा रामपुर वालों मेरे मुंह पर कालिख मत पुतने देना अपने कैंडिडेट को जरूर जिताना। सीतापुर की जेल को हर कोई सुसाइट जेल मानता है, उन्हें पता था कि पहले एक मरेगा फिर दूसरा और फिर तीसरा लेकिन हमने हिम्मत से काम लिया। और मै जिंदा हूं। तो जिंदा हूँ क्योंकि आप भी तो मेरे लिए जिंदा है। आगे और क्या क्या कहा जानें।

देश के हालातों पर बोले आज़म

अपने शहर को, अपने रिश्तों को दोनों हाथों से जोड़कर जैसे साल 1942 से लेकर 2022 तक रखा है यहां तक हिंदू मुसलमान भी कभी आपस में नहीं लड़ा बहुत कोशिश की फिरकापरस्त ताकतों ने। सपा जिलाध्यक्ष पहले आर एस एस के कार्यकर्ता थे लेकिन एक दिन मैंने कहा कि आप तो मेरे हैं, तो उन्होंने कहा आपने कहा ही कब कर मैंने कहा मैं अभी कह रहा हूं तो उसी वक्त r.s.s. छोड़कर मेरे साथ आ गए और आज वह मेरे साथ हैं।

यह रामपुर की हिंदू मुस्लिम एकता है यह है हमारे रामपुर के लोगों के रिश्ते रामपुर में एक ऐसा परिवार भी है जिन्होंने आज तक कभी दिवाली नहीं मनाई क्योंकि मैं उनके साथ होता था वह मेरे साथ होते थे इन रिश्तो को कभी टूटने नहीं देना है ना बिखरने देना है यह हमारा प्यार मैं जिंदा हूं तो जिंदा है और जब मैं जिंदा हूं तो इंशा अल्लाह आंच नहीं आने दूंगा। आप सब जिंदा हैं । थोड़ा सा कमजोर हो गया हूं इसलिए कि आप भी तो कमजोर हो गए हो कहां गया तुम्हारा जोश इतनी बात सुनकर लोगों ने नारे लगाए।

कोरोना को लेकर बोले आज़म

कैसा भयानक कोरोना हुआ था मेरे सामने तमाम वार्ड खाली हो गए। दूसरी मंजिल पर भर्ती किया गया। वहां भी सारे लोग मर गए । मै तीसरी मंजिल पर भेजा गया वहां भी सारे लोग मर गए मैं जिंदा बचा हूं तो तुम्हारे लिए मैं वापस लौट कर आया हूं।जिंदा तो तुम्हारे लिए मेरे सारे अरमान मेरी सारी ख्वाहिशें मेरे सीने में दफन है बहुत कुछ चाहता हूं यह दिन मेरे लिए सेहत की कमजोरी बहुत बड़ी नहीं मुझे मारने का थोड़ा मंसूबा था मेरे कत्ल का इल्जाम नहीं चाहिए था ।

मुझे मारने की कोई कसर नहीं छोड़ी मुझे मेरी बीवी को मेरे बेटे को सीतापुर जेल पूरे हिंदुस्तान में सुसाइड जेल मानी जाती है और उसी में मुझे डाला गया जो इन तीनों में पहले कमजोर होगा वह अपनी जान देगा उसके बाद में दूसरा देगा और फिर तीसरा देगा मेरे लिए जीवन की दुआ की हुजूर की शान में गुस्ताखी करने वाला बदनसीब है उस बदनसीब का साथ मत दो और और उसके जूम लोगों द्वारा ओमत जो बदनसीब है उसके बदनसीब पर छोड़ दो उसके हाल पर छोड़ दो दुनिया का कोई तानाशाह नहीं बचा ।

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