
स्वास्थ्य विभाग में हुए तबादले घोटाले में कार्रवाई करने पर भी बड़े छोटे अफसरों में भेदभाव सामने आया है। सूत्रों से पता चला है की बड़े अफसरों को बचाने का प्रयास किया गया है। जबकि सम्बंधित छोटे कर्मचारियों पर शख्त कार्रवाई की जा रही है। ये कहना गलत नहीं होगा की बड़े अफसरों को बचाकर छोटे अफसरों की कुर्बानी दी जा रही है।
शनिवार को स्वास्थ्य विभाग घोटाले में संयुक्त स्तर के 5 अफसरों को सस्पेंड किया गया है। तत्कालीन डीजी हेल्थ डॉक्टर वेद व्रत सिंह पर जांच आदर्श दिया गया है। वेद व्रत सिंह 30 जून को घोटाला कर रिटायर हो गए थे। जबकि एसीएस अमित मोहन प्रसाद पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है। स्वास्थ्य सचिव रविंद्र मन्नान अख्तर पर भी सरकार की तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया गया है। तबादलों के सूत्रधार डायरेक्टर एडमिन को भी बचाया गया है। वहीं चपरासी और क्लर्क सस्पेंड कर दिया गया है। कहें तो बड़ों पर करम और छोटों का सिर कलम किया जा रहा है।
इससे पहले अपर निदेशक पैरामेडिकल राकेश कुमार गुप्ता, अपर निदेशक स्वास्थ्य प्रशासन अशोक कुमार पांडेय, संयुक्त निदेशक पैरामेडिकल अरविंद कुमार वर्मा को सस्पेंड किया गया था।
बतादें की स्वास्थ्य विभाग में तबादलों से जुड़ा बड़ा स्कैंडल सामनें आया था। 500 से ज्यादा डॉक्टरों के तबादलों में गड़बड़ी पाई गई थी। प्रदेश में CMO और CMS के तबादलों में गड़बड़ी पाई गई थी। जिसके बाद ACS अमित मोहन प्रसाद सवालों के घेरे में आए थे। खबर सामने आने के बाद से स्वास्थ्य विभाग में स्कैंडल की लीपापोती की गई।









