UP By Election: करहल पर फूफा और भतीजा की लड़ाई, क्या पूश्तैनी सीट बचा पाएंगे सपाई..

2002 में भी भाजपा ने यादव उम्मीदवार पर दांव खेला था और तब पहली बार करहल सीट पर कमल खिला था. माना जा रहा है कि 2002 के इतिहास को दोहराने के...

UP By Election: यूपी विधानसभा उपचुनावों में हॉट सीट करहल पर सभी की नजरें टिकी हुई है….मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट सपा के लिए बहुत ही खास और अहम सीट हैं. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की कर्मभूमि रही करहल पर पिछले दो दशकों से सपा का कब्ज़ा रहा है, कहा जाता है कि दो दशकों के भीतर सपा प्रत्याशी को यहां पर किसी दूसरें दल से लड़ाई तो..बहुत दूर की बात है कभी मजबूत चुनौती तक भी नहीं मिली हैं. लेकिन लगता हैं इस बार बड़ी चुनौती मिल सकती है. क्योंकि करहल विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा ने बड़ा दांव खेल दिया हैं.

भाजपा के इस दांव से सपा में खलबली मच गई है. दरअसल भाजपा ने मुलायम सिंह यादव के दामाद अनुजेश यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं समाजवादी पार्टी ने इस सीट से तेज प्रताप यादव उम्मीदवार है. ऐसे में ये लड़ाई काफी दिलचस्प होने वाली हैं..क्योंकि अब करहल सीट पर फूफा और भतीजा आमने सामने होंगे…

बता दें कि भाजपा ने सपा के किले में सेंध लगाने के लिए अनुजेश यादव को चुनावी मैदान में उतारा है. अनुजेश यादव मुलायम सिंह यादव के भाई अभयराम यादव की बेटी संध्या यादव के पति हैं. संध्या यादव, आजमगढ़ से सांसद धर्मेद्र यादव की सगी बहन हैं. संध्या यादव मुलायम परिवार की पहली बेटी हैं, जिन्होंने राजनीति में कदम रखा था. इतना ही नहीं वो मैनपुरी की जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुकी हैं.

दोनों ने बीजेपी ज्वाइन की

संध्या और अनुजेश को समाजवादी पार्टी से निकाल दिया गया था, जिसके बाद दोनों ने बीजेपी ज्वाइन कर ली थी. ऐसे में अनुजेश यादव अब सपा उम्मीदवार मुलायम सिंह यादव के पौत्र तेज प्रताप यादव से करहल में चुनावी मैदान में आमने-सामने होंगे. ऐसे में करहल विधानसभा सीट पर उपचुनाव काफी रोचक रहने वाला हैं. अब यह मुकाबला उपचुनाव बनाम सैफई परिवार और रिश्तेदार के बीच होगा.

इतिहास दुहराया जाएगा..

आपको बता दें कि करहल विधानसभा सीट पर 1993 के बाद सात बार विधानसभा चुनाव हुए हैं. यहां 2002 को छोड़कर हर चुनाव में समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की है. ठीक ऐसे ही 2002 में भी भाजपा ने यादव उम्मीदवार पर दांव खेला था और तब पहली बार करहल सीट पर कमल खिला था. माना जा रहा है कि 2002 के इतिहास को दोहराने के लिए ही अनुजेश यादव को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में अब ये देखना काफी दिलचस्प होगा की क्या भाजपा के उम्मीदवार को टक्कर देते हुए सपा अपने पूश्तैनी सीट को बचा पाती हैं या नहीं….

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