UP Election: सतीश चंद्र मिश्रा का बड़ा हमला- चुनाव में सूपड़ा साफ होने के डर से BJP ने वापस लिया किसान बिल

कौशाम्बी. उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जिले के मंझनपुर विधानसभा के पश्चिमशरीरा दंगल मैदान में बहुजन समाज पार्टी का एक दिवसीय कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित हुआ। कार्यकर्ता सम्मेलन में पहुंचे बसपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा को कार्यकर्ताओं ने फूल मालाओं से स्वागत किया। मंच संभालते हुए वह इंद्रजीत सरोज पर हमलावर हो गए उन्होंने कहा कि जो पार्टी को धोखा दे जनता को उसे सबक सिखाना चाहिए। इस बार मंझनपुर की जनता दंगल में बुद्धि का इस्तेमाल करें और पटकनी देने का काम करें।

कौशाम्बी. उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जिले के मंझनपुर विधानसभा के पश्चिमशरीरा दंगल मैदान में बहुजन समाज पार्टी का एक दिवसीय कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित हुआ। कार्यकर्ता सम्मेलन में पहुंचे बसपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा को कार्यकर्ताओं ने फूल मालाओं से स्वागत किया। मंच संभालते हुए वह इंद्रजीत सरोज पर हमलावर हो गए उन्होंने कहा कि जो पार्टी को धोखा दे जनता को उसे सबक सिखाना चाहिए। इस बार मंझनपुर की जनता दंगल में बुद्धि का इस्तेमाल करें और पटकनी देने का काम करें।

ट्विटर पर केशव प्रसाद मौर्य के अयोध्या की पूरी हुई तैयारी अब काशी और मथुरा की बारी के सवाल पर सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि इनके पास कुछ काम तो है नहीं चुनाव आ गया है तो फिर से वही सब घिसि पिटी बातें करने लगे हैं। और इन घिसी पिटी बातों को लेकर समझते हैं कि हम कुछ ध्रुवीकरण कर लेंगे। बहुत बड़ी गलतफहमी में हैं केशव प्रसाद मौर्या। अब यहां की जनता इनका असली चेहरा, इनका असली मकसद अच्छी तरह से जान चुकी है एवं पहचान चुकी है। इनका मुखौटा उसने हटा करके चेहरा देख लिया।

बसपा के राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज ने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भाजपा में कोई भी व्यक्ति खुश नहीं है। भाजपा सब के साथ अन्याय करती है। उसने किसानों से कहा था कि हमारे साथ आओ हम आप की आय दोगुनी कर देंगे। लेकिन उनकी जमीनों को हथियाने का काम किया। धर्म का मुखौटा पहनकर जनता को धोखा देने का काम किया। कहा कि 14 महीने किसानों ने अपने हक के लिए आंदोलन किया। इस दौरान लगभग 700 किसानों की मौत हुई है। जब पांच राज्यों में चुनाव आ गया तो भाजपा को लगने लगा कि भाजपा का सूपड़ा साफ हो रहा है। ऐसे में किसान कानून वापस ले लिया।

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