UP सरकार के वकील ने घर गिराने वाले आरोपी की जमानत का किया विरोध… तो जज साहब ने किया मजेदार सवाल, वकील साहब नहीं रोक पाए हंसी !

सुप्रीम कोर्ट में आज UP सरकार के वकील के लिए असमंजस की स्थिति हो गई, जब कोर्ट ने पूछा कि क्या वो भी बुलडोजर से घर गिराने को ग़लत मानते है!! दरअसल यूपी के AAG एक ऐसे शख्स की ज़मानत का विरोध कर रहे थे, जिस पर घर गिराने का आरोप था, AAG ने इसे गम्भीर अपराध बताते हुए ज़मानत न देने की बात कहीं तो..

नई दिल्ली; सुप्रीम कोर्ट में आज UP सरकार के वकील के लिए असमंजस की स्थिति हो गई. जब कोर्ट ने पूछा कि क्या वो भी बुलडोजर से घर गिराने को ग़लत मानते है. दरअसल यूपी के AAG एक ऐसे शख्स की ज़मानत का विरोध कर रहे थे, जिस पर घर गिराने का आरोप था. AAG ने इसे गम्भीर अपराध बताते हुए ज़मानत न देने की बात कहीं तो…जस्टिस कौल ने UP के वकील से कहा-क्या आप भी इस बात पर सहमत हैं कि बुलडोजर से लोगों को घर गिरा देना ग़लत है. आप आगे ऐसे घर नहीं गिराएंगे? क्या हम आपका ये बयान रिकॉर्ड पर सकते हैं कि बुलडोजर कार्रवाई ग़लत है’ यूपी के AAG ने हंसते हुए कहा कि उनकी ये दलील सिर्फ इस केस तक सीमित है.

दरअसल, फसाहत अली खान नाम के इस शख्स पर साल 2016 में रामपुर में एक घर को गिराने और 20 हजार रुपये लूटने का आरोप था. हाई कोर्ट ने उसके खिलाफ दूसरे पेंडिंग केस का हवाला देते हुए निचली अदालत से मिली जमानत को खारिज कर दिया था. इसके खिलाफ फसाहत ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी. याचिका में उसने अपने खिलाफ मुकदमों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए जमानत दिए जाने की मांग की थी.

यूपी सरकार की दलील….

यूपी सरकार की ओर से एडिशनल एडवोकेट जनरल आर. के. रायजादा ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने आरोपी के खिलाफ पेंडिंग दूसरे आपराधिक केस के मद्देनजर ही जमानत देने से इनकार किया है. वो एक राजनैतिक पार्टी से ताल्लुक रखता है. उस पर एक मकान को गिराने और 20000 की लूट का आरोप है.

कोर्ट का सवाल, AAG का जवाब…

इस पर जस्टिस संजय किशन कौल ने यूपी सरकार के वकील से कहा कि तो क्या आप इस बात पर सहमत है कि बुलडोजर से लोगों का घर गिरा देना गलत है. अगर ऐसा है तो आप घरों को नहीं गिराएंगे. क्या हम आपका ये बयान रिकॉर्ड पर ले सकते हैं कि बुलडोजर से घरों को गिराना गलत है. आपने अभी-अभी यह कहा है. इस पर यूपी के AAG रायजादा ने हंसते हुए कहा कि उनकी ये दलील सिर्फ इस केस तक सीमित है. मैं यहां बाकी केस की बात नहीं कर रहा हूं. आखिरकार, सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी की जमानत रद्द करने वाले हाई कोर्ट के फैसले को खारिज कर देते हुए जमानत दे दी.

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