UP: काशी-अयोध्या के साथ माफिया आएंगे काम या रोजगार-मंहगाई डुबोएगी नैय्या, 2024 में किसकी होगी हार ?

आने वाले चुनाव में उत्तर प्रदेश एक बार फिर से एक एहम कड़ी के तौर पर सामने दिख रहा है। 80 सीटों के साथ उत्तर प्रदेश सबसे बड़े राज्य के रूप में देखा जाता है

वर्ष 2024 सिर्फ बीजेपी के लिए नहीं बल्कि पुरे राष्ट्र के लिए भी एक अहम वर्ष साबित होगा। आने वाले साल में नरेंद्र मोदी के 10 सालो का कार्यकाल बतौर प्रधानमंत्री पूरा होगा और पूरा देश एक बार फिर से लोक सभा चुनाव की बातें करेगा। पर क्या प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश की बात करेंगे ?

आने वाले चुनाव में उत्तर प्रदेश एक बार फिर से एक एहम कड़ी के तौर पर सामने दिख रहा है। 80 सीटों के साथ उत्तर प्रदेश सबसे बड़े राज्य के रूप में देखा जाता है, कई राजनितिक विशेषज्ञों का यह कहना है किसी पार्टी ने अगर उत्तर प्रदेश में अपना वर्चस्व कायम कर लिया तो वह लोक सभा चुनाव में एक मजबूत पार्टी के तौर पर उभर कर सामने आती है तो ऐसे में आखिर किस तरह रहती है बीजेपी की तैयारी।

2019 में भाजपा ने 80 में से 62 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत हासिल की थी मगर क्या इस बार भी भाजपा साठ से अधिक सीटें जीत सकती है। बीजेपी इस बार भी उत्तर प्रदेश में काफी सक्रिय दिख रही है है, भाजपा ने अपने हर अहम मुद्दे पर काम करते हुए एक अच्छा प्रदर्शन दिखया है, वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, अयोध्या में राम मंदिर और माफिया मुक्त उत्तर प्रदेश जैसे कुछ बड़े दावे बीजेपी की झोली में दिख रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ का “बुलडोज़र” फार्मूला भी कारगर साबित होता दिख रहा है। वाराणसी प्रधानमंत्री के लिए चुनाव में एक गढ़ साबित हुआ है और इस बार भी वाराणसी मोदी के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। विपक्ष द्वारा हर बार बीजेपी पर सवाल उठाये जाते हैं की भाजपा सिर्फ धर्म के नाम पर नफरत और राजनीति फैलाती आयी है, कांग्रेस बीजेपी पर नए रोजगार न उत्पन्न करने पर भी कटाक्ष करती आयी है पर क्या इस बार भी बीजेपी उत्तर प्रदेश में अपना छात्र राज कायम कर पाती है या नहीं, क्या इस बार भी बीजेपी के लिए श्री राम का नाम कारगर साबित होगा यह अब चर्चा का विषय होता है।

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