यूपी के राज्यमंत्री समेत 2 बीजेपी नेता और वकील सैक्सकांड में फंसे, नाबालिग का किया यौनशोषण

मेरठ के सीनियर वकील और मेरठ बार एसोसिएशन के पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष रमेशचंद्र गुप्ता के खिलाफ पुलिस ने दुष्कर्म और पोक्सो एक्ट की धाराएं बढ़ाई हैं। मामला रमेश चंद्र गुप्ता की नाबालिग कर्मचारी से जुड़ा हुआ है जिसने उनके ऊपर ब्लैकमेलिंग और यौन शोषण के आरोप लगाए थे। कोर्ट में हुए बयान के बाद पुलिस ने रमेशचंद्र गुप्ता के अलावा बीजेपी के दो बड़े नेताओं को भी इस मामले में लैंगिक शोषण का आरोपी बनाया है। अब वकील और नेताओं पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।

वकील की गलती से सार्वजनिक हुआ सैक्सकांड-
9 जून को सोशल मीडिया पर मेरठ के सीनियर वकील रमेशचंद्र गुप्ता के कुछ वीडियो और फोटो वायरल हुए थे। इनमें से एक वीडियो में रमेशचंद्र गुप्ता खुद के साथ अश्लील हरकत करते शीशे के सामने बैठकर अपना वीडियो बना रहे है। यह वीडियो उन्होने अपनी नाबालिग कर्मचारी को भेजा था। दूसरे वीडियो में वह अपनी एक अन्य महिला कर्मचारी के साथ हैं। वह कुर्सी पर बैठे हुए हैं और कर्मचारी फर्श पर है। यह वीडियो मेज के ऊपर से शूट किया गया है। इसके अलावा दो और तस्वीरों में रमेशचंद्र गुप्ता अपनी साथी के साथ संसर्ग कर रहे हैं।

इन वीडियो के वायरल होने के बाद रमेशचंद्र गुप्ता ने पूरा ठींकरा अपनी नाबालिग कर्मचारी के सिर फोड़ दिया था। उन्होंने खुलासा किया की नाबालिग कर्मचारी 26 मई 2023 को उनका एक मोबाइल फोन लेकर गायब हो गई थी। बताया जाता है कि इस फोन में वकील समेत कई अधिकारियों और बीजेपी नेताओं के अश्लील फोटो और वीडियो है जिनकी संख्या सौ से अधिक है. भारत समाचार के कैमरे पर आरोपी वकील रमेशचन्द्र गुप्ता ने स्वीकार किया कि इस मोबाइल का इस्तैमाल केवल शूट के लिए होता था इसलिए इस फोन में सिम भी नही है.

नाबालिग कर्मी की गुमशुदगी के संबध में मुकदमा संख्या 170 27 मई 2023 को दर्ज किया गया था. मुकदमे में अपहरण की धारा भी लगी थी। बावजूद इसके केस दर्ज होने के बाद पुलिस चुपचाप बैठी रही।

शिकायत करते ही दोस्ती ब्लैकमेलिंग में बदली-
सीनियर वकील रमेशचंद्र गुप्ता ने भारत समाचार के कैमरे पर स्वीकार किया था कि उनके संबंध नाबालिग पीड़िता के अलावा उस युवती से भी हैं जो एक वीडियो में उनके साथ फर्श पर दिखाई दे रही है। उन्होंने दावा किया की नाबालिग पीड़िता उन्हें ब्लैकमेल करके पैसा वसूलना चाहती है।

इसी दौरान नाबालिग पीड़िता की ओर से दिया हुआ एक शिकायती पत्र मीडिया के बीच आया। यह शिकायती पत्र 31 मई को मेरठ बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट कुंवरपाल शर्मा को दिया गया था। कुंवरपाल शर्मा ने तस्दीक की कि पीड़िता 31 मई के अलावा तीन बार और उनसे मिलने आई थी।

सोती रही पुलिस, सैक्स रैकेट करता रहा ‘सेंटिग’ की कोशिश-
दौराला पुलिस ने नाबालिग पीड़िता के किडनैप के मामले में ना तो कोई फोटो गश्ती जारी किया और ना ही इसका सीडीआर निकलवा कर उसकी लोकेशन तलाश करने की कोशिश की गई। 11 जून को इस खबर को भारत समाचार ने प्रमुखता से दिखाया जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और गुमशुदगी से जुड़े हुए लोगों से पूछताछ की गई। आरोपी वकील रमेशचंद्र गुप्ता के एक पुराने मुंशी से तो आधी रात में दबिश देकर पुलिस ने पूछताछ की। चार दिन की मशक्कत के बाद पुलिस ने दौराला इलाके से ही नाबालिग पीड़िता को बरामद कर लिया। अगले दिन मजिस्ट्रेट के सामने कोर्ट में उसके बयान दर्ज कराए गए।

पीड़िता के मजिस्ट्रेटियल बयान में खुले रैकेट के किरदार-
सीआरपीसी की धारा 164 के अंतर्गत दर्ज बयानों के आधार पर पुलिस ने नाबालिग पीड़िता के किडनैप केस में आरोपी वकील रमेशचंद्र गुप्ता के खिलाफ लैंगिक शोषण, ब्लैकमेलिंग और दुष्कर्म की धाराऐं बढ़ाई हैं। इस केस में भारतीय जनता पार्टी के महानगर महामंत्री अरविंद गुप्ता मारवाड़ी को भी आरोपी बनाया गया है।

अरविंद गुप्ता मारवाड़ी मुख्य आरोपी वकील रमेश चंद्र गुप्ता के सगे मामा है। नाबालिग पीड़िता के गायब होने के बाद उसके किडनैप का मुकदमा अरविंद गुप्ता मारवाड़ी के प्रभाव में ही दौराला पुलिस ने दर्ज किया था। यह मुकदमा पीड़िता के मौसेरे भाई ने दर्ज कराया था और वह लगातार आरोपी रमेशचंद्र गुप्ता के संपर्क में था।

पीड़िता ने अपने बयान में कहा है कि रमेशचंद्र गुप्ता ने उसे नशीला पदार्थ पिलाकर बेहोश किया और फिर उसकी नग्न तस्वीरें उतार ली। इन तस्वीरों के आधार पर कई महीने तक पीड़िता का लैंगिक शोषण किया गया। आरोपी वकील उसे अपने कचहरी के ऑफिस के अलावा सदर बाजार ऑफिस और अपने घर में ग्राउंड फ्लोर पर बने ऑफिस में भी ले जाता था। कई बार अपनी पत्नी के घर में ना रहते हुए भी पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया गया।

पीड़िता ने यही कहानी दूसरे आरोपी अरविंद गुप्ता मारवाड़ी के साथ भी दोहराई है। पीड़िता का कहना है कि उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया गया। चर्चा यह भी है कि अरविन्द गुप्ता मारवाड़ी आगामी दिनों में होने वाले महानगर अध्यक्ष पद की चुनावी दौड़ में थे। मामा का सैक्सटेप सामने आने के बाद वह मामले में सक्रिय दिखे और उनके विरोधियों ने इस मामले में घी डालने का काम किया।

संघ से संगठन तक मजबूत पकड़ वाले सिक्का कैसे फंसे-
केस में बीजेपी के दिग्गज नेता और यूपी के राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त संजीव गोयल सिक्का का नाम भी बढ़ाया गया है। संजीव गोयल सिक्का आईपीसी की धारा 354 (3/4) और पाक्सो एक्ट के आरोपी है। संजीव गोयल सिक्का आरोपी रमेश चंद्र गुप्ता के बेहद करीबी और दोस्त हैं। इसके अलावा उनकी आपस में रिश्तेदारी भी बताई जाती है। संजीव गोयल सिक्का पर भी पीड़िता ने लैंगिक शोषण के आरोप लगाए हैं। सूत्रों की मानें तो संजीवगोयल सिक्का पीड़िता को अपने साथ भाजपा के कई कार्यक्रमों में भी ले गये और वहां उसको रात के दौरान होटल में रखा गया।

शहर में घूम रहा आरोपी, पुलिस कर रही गिरफ्तार की कोशिशें-
केस की विवेचना से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि इस मामले में भाजपा नेताओं के खिलाफ बयान और कुछ सबूत हैं। इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद से बाकी सबूत जुटाए जा रहे हैं और सारे सबूत के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


जिले के एक पुलिस अफसर ने मुख्य आरोपी रमेशचंद्र गुप्ता और सह आरोपियों में से एक भाजपा नेता की गिरफ्तारी के संकेत भी दिए हैं।

केस में नाम शामिल होने के बाद एक भाजपा नेता अंडरग्राउंड है और उनके फोन अब बंद है। मुख्यारोपी रमेशचन्द्र गुप्ता को शनिवार के दिन शहर और कचहरी देखा गया था। पुलिस के मुताबिक वह फरार है और उनकी गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है।

68 साल की उम्र में वकील ने बना रखा था सैक्स सिडिंकेट-
बताया जा रहा है कि रमेशचंद्र गुप्ता देह व्यापार से जुड़े एक सिंडिकेट का बड़ा किरदार है। रमेशचंद्र गुप्ता के पास करीब एक दर्जन ऐसी लड़कियां कर्मचारी हैं जो ना तो कानून की छात्राएं हैं और ना ही वह वकील हैं। फिर भी उनको अपना जूनियर बताकर रमेशचंद्र गुप्ता लोगों पर प्रभाव बनाता था। यह लड़कियां मेरठ कचहरी के अधिवक्ताओं के कई व्हाट्सएप ग्रुप में भी शामिल थी।

कई जूनियर वकीलों के साथ भी इनके संबंध बताए जाते हैं। इसके अलावा यह भी चर्चा है कि आरोपी वकील के वीडियो वायरल करने के पीछे वकालत के व्यवसाय से जुड़े कई लोग आरोपी वकील से पैसा वसूलना चाहते थे। यह भी सामने आया है कि यह वकील नाबालिग पीड़िता के अलावा रमेश चंद्र गुप्ता के कार्यालय में काम करने वाली कई लड़कियों के सीधे संपर्क में थे। उनमें से कई की व्हाट्सएप चैट भी सोशलमीडिया एप्स पर उनके पास है। विधि व्यवसाय से जुड़े कई अधिकारी भी इस सिंडिकेट का हिस्सा बताए जाते हैं। फिलहाल पुलिस सबूतों के आधार पर इस पूरे मामले की जांच कर रही है।

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