
जनपद का पथरदेवा उपकेंद्र भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है. उपकेंद्र के अधिकारी-कर्मचारी बिजली के बिल में जमकर धांधली कर रहे हैं. मामला दरअसल, बिजली बिल को लेकर है. क्षेत्र में कई घरों में दो-दो, तीन-तीन साल पहले ही बिजली मीटर लगाए गए थे, जो चल भी रहे हैं, लेकिन बिजली का बिल मीटर रीडिंग के मुताबिक नहीं आ रहा है.
उपभोक्ताओं को बिजली बिल फिक्स रेट वाला पकड़ाया जा रहा हैं. जबकि मीटर लगातार चल रहा है. ऐसे में उपभोक्ता असमंजस में हैं कि आखिर कौन सी बिजली बिल का भुगतान किया जाए. जबकि क्षेत्र के लाइनमैन फिक्स रेट वाला बिजली बिल भुगतान करने की बात कह रहे हैं. गौर करने वाली बात ये है कि अगर कई साल पहले मीटर लग चुका है तो मीटर के मुताबिक बिजली बिल ना देकर फिक्स रेट वाला बिल क्यों दिया जा रहा है?
ये समस्या क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बनी हुई है. उपभोक्ता बताते हैं कि मीटर अपडेट करने के लिए कई दफा आवेदन देने के बाद भी उपकेंद्र के अधिकारी इस पर ध्यान नहीं देते और मीटर वाली रीडिंग के अनुरूप बिल का भुगतान कराने के बजाय फिक्स रेट वाली बिल का भुगतान करने को कहते हैं.
बड़ी संख्या में इलाके के लोगों ने 1912 पर अपनी शिकायतें भी दर्ज कराईं हैं लेकिन बिल बढ़ता ही जा रहा और अधिकारी इस समस्या का समाधान करने को तैयार नहीं. क्योंकि अगर उपभोक्ता मीटर रीडिंग के मुताबिक भुगतान कर दे तो उनकी जेबें कैसे भरेंगी?









