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लोकसभा चुनाव 2024 के समाप्त होते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सख्त नजर आ रहे हैं। हाल ही में उन्होंने भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों पर सख्त लहजा अपनाते हुए एक्शन की बात कही थी। जिसके बाद से यूपी पुलिस ऐसे अधिकारियों पर नकेल कसने लगी है। बुधवार यानी 19 जून को उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ से एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां विजिलेंस टीम द्वारा 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए एक डिप्टी रेंजर को वन विभाग ऑफिस से रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, विजिलेंस की टीम को एक व्यक्ति द्वारा शिकायत की गई थी। जिसमें उसने बताया था कि, उसने अपने खेतों में ग्रीन गोल्ड कंपनी से अनुबंध कर सागवान के पेड़ लगाए थे। दिनांक 6 जून 2024 की रात्रि में तूफान आने के कारण उसके 23 पेड़ जड़ से उखड़ गए और सीधे पड़ोसी के खेत में जा गिरे। जिसकी सूचना शिकायतकर्ता द्वारा ग्राम प्रधान के लेटर पर वन क्षेत्र अधिकारी हापुड़ को 10 जून 2024 को दे दी गई थी। तथा डिप्टी रेंजर शशि शेखर शर्मा हापुड से भी संपर्क किया गया था। जिसके बाद शिकायतकर्ता द्वारा जड़ से उखड़े 23 पेड़ों को गांव आजाद नगर में अपने दामाद तेजेंद्र सिंह के घर में डलवा दिए गए थे।
डिप्टी रेंजर ने उल्टा पीड़ित को ही धमकाया
दिनांक 17 जून 2024 को शशि शेखर शर्मा उपरोक्त मौका मुआयना करने आए तथा शिकायतकर्ता के दामाद तेजेंद्र सिंह को गैर कानून तरीके से पेड़ काटने के मुकदमा लिखवाने को कहते हुए डराने धमकाने लगें। उन्होंने प्रत्येक पेड़ का 10 हजार रुपए की दर से जुर्माना भरने की बात करते हुए शिकायतकर्ता को डराया। जबकि शिकायतकर्ता द्वारा ऐसा कोई भी अपराध नहीं किया गया था।
पीड़ित से मांगी थी 30 हजार रुपए की रिश्वत
वहीं, पीड़ित ने जब बात नहीं मानी तो उसको प्रताड़ित किया जा रहा था। जिसके बाद इस मामले को समाप्त करने के लिए डिप्टी रेंजर शशि शेखर शर्मा द्वारा शिकायतकर्ता से 30 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की जा रही थी। इसी मामले की शिकायत करते हुए पीड़ित ने डिप्टी रेंजर शशि शेखर शर्मा को रंगे हाथों पकड़वाने के लिए विजिलेंस टीम का साथ दिया और उनके साथ मिलकर डिप्टी रेंजर को 30 हजार रुपए की रिश्वत दी। इस दौरान विजिलेंस टीम ने डिप्टी रेंजर को रंगे हाथों मौके से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसके खिलाफ हापुड़ नगर कोतवाली में सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कराकर आगे की कार्रवाई की है।