
UP POLITICS. समाजवादी पार्टी से निष्कासित तीन विधायकों को विधानसभा सचिवालय ने भी असम्बद्ध कर दिया है। प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप कुमार दुबे ने आदेश जारी किया, जिसके बाद अब मनोज कुमार पांडेय (ऊंचाहार), राकेश प्रताप सिंह (गौरीगंज) और अभय सिंह (गोसाईगंज) अब उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य नहीं रह गए हैं।
सपा से निष्कासन के बाद विधानसभा से बाहर
तीनों विधायकों को 23 जून को समाजवादी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। पार्टी ने आरोप लगाया था कि राज्यसभा चुनाव में इन तीनों ने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ क्रॉस वोटिंग की, जिससे पार्टी की छवि को गहरा आघात पहुंचा। इसके बाद अब 9 जुलाई को विधानसभा सचिवालय ने भी इन्हें ‘असम्बद्ध विधायक’ घोषित करते हुए सदस्यता समाप्त कर दी। आदेश के मुताबिक, अब ये तीनों विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।
क्या थे पार्टी के आरोप?
समाजवादी पार्टी ने इन तीनों पर “सांप्रदायिक और विभाजनकारी राजनीति को बढ़ावा देने”, “किसान, महिला, युवा और व्यापार विरोधी नीतियों का समर्थन करने” जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। पार्टी ने कहा था कि इनका आचरण सपा के मूल सिद्धांतों के विरुद्ध है और इनकी गतिविधियों ने पार्टी की एकता व अनुशासन को चोट पहुंचाई है।
कौन हैं ये तीन विधायक?
| विधायक का नाम | निर्वाचन क्षेत्र | स्थिति |
|---|---|---|
| मनोज कुमार पांडेय | ऊंचाहार (रायबरेली) | निष्कासित/असम्बद्ध |
| राकेश प्रताप सिंह | गौरीगंज (अमेठी) | निष्कासित/असम्बद्ध |
| अभय सिंह | गोसाईगंज (अयोध्या) | निष्कासित/असम्बद्ध |
आगे की क्या होगी रणनीति तय?
इन विधायकों की असम्बद्धता के बाद इन सीटों पर उपचुनाव की स्थिति बन सकती है। हालांकि अभी इन नेताओं की ओर से कोई कानूनी चुनौती सामने नहीं आई है, लेकिन जानकार मानते हैं कि मामला विधानसभा स्पीकर या न्यायपालिका के समक्ष भी जा सकता है।









