बिल्डरों से उगाही और उत्पीड़न का अड्डा बना यूपी रेरा, बिल्डर्स के प्रोजेक्ट्स लटकाए, अटकाए, भटकाए जा रहे…

यूपी रेरा में समय पर किसी प्रोजेक्ट का निस्तारण नहीं होता.नोटिस भेजकर बिल्डर को अलग मिलने बुलाया जाता है.मामला सेट होने के बाद उन्हीं बिल्डर्स पर मेहरबानी होती है.

लखनऊ- बिल्डरों से उगाही और उत्पीड़न का अड्डा यूपी रेरा बन गया है. बता दें कि NCR, नोएडा के बिल्डर को यूपी रेरा में परेशान करते हैं.बिल्डर के प्रोजेक्ट्स लटकाए, अटकाए, भटकाए जाते हैं. कहा जा रहा है कि रेड्डी राज आने के बाद से रियल एस्टेट कारोबार प्रभावित हो रहा है.अनावश्यक नोटिस, मामले सालों से लटकाए रखे जाते हैं.

यूपी रेरा में समय पर किसी प्रोजेक्ट का निस्तारण नहीं होता.नोटिस भेजकर बिल्डर को अलग मिलने बुलाया जाता है.मामला सेट होने के बाद उन्हीं बिल्डर्स पर मेहरबानी होती है.पत्रावली पूरी होने पर भी तरह-तरह की अप्पतियां लगती हैं.जिनसे सेटिंग हो जाती है उनकी फाइल्स तत्काल मंजूर होती हैं. चेयरमैन संजय भूसरेड्डी विवादित अधिकारी रह चुके हैं.

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस यूपी रियल एस्टेट में लटक गया है.यूपी रेरा से परेशान बिल्डर्स अपने प्रोजेक्ट्स बंद कर रहे हैं.यूपी रेरा के पास न कोई सिस्टम और न निस्तारण प्रणाली है.चेयरमैन, मेंबर्स,सचिव की तिकड़ी से बिल्डर्स हैरान,परेशान है. और तो और अथॉरिटी से नक्शा पास फिर भी रेरा नंबर नहीं दिया जाता. कई सालों से बिल्डर परेशान है. अब धीरे धीरे करके बिल्डर्स कर्जे के बोझ में दबे जा रहे है.

Related Articles

Back to top button