
केंद्र सरकार मंगलवार को रक्षा बलों के लिए अग्निपथ भर्ती योजना की घोषणा की। इसके तहत सैनिकों को सिर्फ चार साल के लिए भर्ती किया जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना में भर्ती प्रक्रिया में बड़े बदलाव के लिए अग्निपथ भर्ती योजना’ (Agnipath recruitment scheme) का ऐलान किया। राजनाथ सिंह ने बताया कि अग्निपथ भर्ती योजना के तहत सेना में चार साल के लिए युवाओं को भर्ती कराया जाएगा।
लेकिन वही, सेना भर्ती की तैयारी करने वाले युवा अग्निपथ योजना के खिलाफ सड़क पर उतर रहे है। युवाओं ने सड़क पर जाम लगाया है। युवा प्रदर्शन कर रहे और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। जिसके बाद पुलिस ने बलपूर्वक जाम खुलवाया। युवाओं ने अग्निपथ योजना को युवाओं के कैरियर से खिलवाड़ बताया। हाथों में तिरंगा और पोस्टर लेकर युवा सड़कों पर उतरे और प्रदर्शन कर रहे है।
वहीं रक्षा विशेषज्ञों ने भी इस योजना में खामिया बताई है। विशेषज्ञों के अनुसार छह महीने की सेना के लिए युवाओ की ट्रेनिंग कम है। विशेषज्ञों के अनुसार, सैनिको के अंदर देश के लिए समर्पण, मनोबल कायम करने में और एक अच्छा सैनिक बनने में छह से सात साल लग जाते हैं। इन दिनों बहुत ही सुपर सोफिस्टिकेटेड इक्विपमेंट आ गए हैं। ये इक्विपमेंट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस होते हैं। छह महीने की ट्रेनिंग में ये उन इक्विपमेंट को इस तरह हैंडल करना सीख लें कि जंग जीत ली जाए तो यह भूल होगी।
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि डिफेंस बजट में वेतन और पेंशन पर खर्च बढ़ता जा रहा था। सरकार पर दबाव था। वह किसी तरह पेंशन को कम करना चाहती थी। दूसरा प्रेशर औसत उम्र को लेकर था। सरकार सेना में औसत आयु 26 साल से घटाकर 20-21 साल करना चाहती थी। स्कीम से ये दोनों मकसद हल हो रहे हैं।









