पीलीभीत. पीलीभीत में निजी अस्पताल के डॉक्टर ने इंसानियत को शर्मसार करने की सारी हदें पार कर दी है। दरअसल परिजनों ने किशोर को शहर कोतवाली इलाके के एसके अग्रवाल अस्पताल में भर्ती कराया था, लेकिन डॉक्टर की लापरवाही से किशोर की मौत हो गई और जब परिजनों ने डेड बॉडी माँगी तो डॉक्टर ने 50 हजार की डिमांड कर दी। इस पर परिजनों ने नाराजगी जताई तो बॉडी देने से डॉक्टर ने मना कर दिया। जिसके बाद परिजनों और स्टाप में नोकझोंक हुई और बाद में डॉक्टर के इशारे पर अस्पताल के कर्मचारियों ने परिजनों को जमकर दौड़ा दौड़ा कर पीटा। परिजन अस्पताल स्टाप के आगे हाथ जोड़ते नजर आ रहे लेकिन अस्पताल का स्टाप डॉक्टर के इशारे पर मारपीट पर आमादा रहा ।
दरअसल मिलक सरैधा पट्टी के रहने वाले राजकुमार को परिजनों द्वारा शनिवार को इलाज के लिए पीलीभीत शहर के निजी अस्पताल एसके अग्रवाल के यहां में भर्ती कराया था। परिजनों की मानें तो राजकुमार मानसिक रूप से विक्षिप्त था और उसने नशीला पदार्थ खा लिया था. जहां अस्पताल में राजकुमार की इलाज के दौरान मौत हो गई।
परिजनों ने पुलिस को तहरीर में बताया कि गंभीर अवस्था में राजकुमार को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल प्रशासन द्वारा 35000 रुपये जमा कराए गए थे. पैसा जमा कराने के बावजूद भी इलाज में लापरवाही बरती गई, जिससे राजकुमार की मौत हो गई. इसके बाद डेड बॉडी देने से पहले 50000 रुपये की मांग की. जब रुपये ना होने का हवाला दिया गया अस्पताल के स्टाफ ने डेड बॉडी देने से मना कर दिया। इसके बाद अस्पताल के स्टाफ से परिजनों की इसी बात को लेकर नोकझोंक होने लगी । उधर डॉक्टर के इशारे पर अस्पताल स्टाफ ने परिजनों को जमकर दौड़ा दौड़ा कर पीटा। अब इस पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।