
उत्तर प्रदेश के कृषि विभाग की बड़ी नाकामी सामने आई है. यूपी में गेहूं बीज को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. कई जिलों के डीएम ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर गेहूं बीज की मांग की है. वर्तमान में राज्य में गेहूं की बुवाई का मौसम चल रहा है. ऐसे में सरकारी गोदामों पर गेहूं बीज की किल्लत होने के कारण किसानों को बाजार से महंगे दामों पर गेहूं बीज खरीदना पड़ रहा है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जिले गोरखपुर में भी गेहूं बीज की समस्या के किसान जूझ रहे हैं. गोरखपुर मंडल में अफसरों ने बीज कमी पर शासन और कृषि विभाग को पत्र भी लिखा था लेकिन अब भी किसानों को गेहूं बीज नहीं मिल पा रहा है. इधर सरकार किसानों की आमदनी दोगुनी करने का दावा करती है उधर प्रदेश का कृषि विभाग गेहूं बीज की उपलब्धता तक सुनिश्चित नहीं कर पा रहा है.
जानकारी के मुताबिक, ऐसी स्थिति इसलिए उत्पन्न हो गई क्योंकि कृषि विभाग ने राष्ट्रीय बीज निगम (NSC) को 1.30 लाख क्विंटल बीज का ऑर्डर दिया था लेकिन निगम ने मात्र 20 हजार क्विंटल गेहूं बीज सप्लाई दी. बाजार में गेंहू बीज के दाम बढ़ने पर NSC ने हाथ खींच लिया और राज्य के कई जिलों को गेहूं बीज की कमी से जूझना पड़ रहा है.
फिलहाल, प्रदेश में 6 से 7 लाख क्विंटल गेहूं बीज की डिमांड है लेकिन कृषि विभाग सो रहा है. कृषि विभाग के गेहूं पर किसानों 50% अनुदान मिलता है. ऐसे में गेहूं बीज की अनुपलब्धता के चलते किसान अनुदान से भी हाथ धो बैठे हैं और बाजार से महंगा बीज खरीदने को मजबूर है. उर्वरक की किल्लत के बाद अब किसान गेहूं बीज की किल्लत से जूझ रहे हैं.









