गाजियाबाद: भोजपुर थाना क्षेत्र के कलछीना गांव में बीती देर रात यूपी पुलिस के साथ यूपी एटीएस में छापेमारी की कार्रवाई की है । यह छापेमारी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के संबंधित देश में चल रही छापेमारियो के संबंध में की गई है। यूपी एटीएस की टीम में पिछले 5 दिनों में दूसरी बार रेड की हैं। यूपी एटीएस ने कालछीना गांव से 11 लोगो को हिरासत में लिया। जिनसे मोदीनगर थाने में पूछताछ चल रही है। पूछताछ में यूपी एसटीएस के अलावा इंडलटेलीजेंस ब्यूरो भी पूछताछ कर रही है। 22 सितम्बर को भोजपुर थाने की पुलिस को लेकर एटीएस देर रात छापेमारी की कार्यवाई करने पहुँची थी।
लेकिन गांववालों के विरोध और हाथापाई रने के चलते मौके का फायदा उठाकर परवेज मौके से फरार हो गया था। देर रात यूपी एटीएस ने तीन थानों की पुलिस फोर्स लेकर रेड की थी। जिसमे कलछीना गाँव मे मौलाना और मुफ़्ती को हिरासत में।लिया गया है इसके अलावा एक साप्ताहिक अखबार चलाने वाले शख्स हसन अली को भी होरस्त में लिया गया हैं। जनकडी के मुताबिक इन सभी की PFI के संबंध शुरुआती जांच और पूछताछ के सामने आए हैं।
गाज़ियाबाद से UPATS पहले भी कर चुकी है गिरफ्तारी,
22 सितम्बर को मुरादनगर के नेकपुर गांव में मुफ़्ती शहजाद को ATS ने गिरफ्तार कर उसके खिलाफ वर्ष मेरठ के खरखौदा थाने में दर्ज किया गया था। इसी मामले में फरार परवेज के कॉल डिटेल और PFI ले गिरफ्तार सदस्यों के मिली जानकारी और पूछताछ के आधार पर ही रेड डालकर ये कार्यवाई की गई हैं। शहजाद से मिले अहम सुरंगों के आधार पर ATS ने रेड की हैं।
खुफिया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो भी कर रही है संदिग्धों से पूछताछ।
UPATS द्वारा हिरासत में लिए गए 11 लोगो से सुबह से ही पूछताछ चल रही हैं। इस इंटेरोगतिओं में इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी भी पूछताछ करने पहुँचे हैं। PFI लंबे समय से पश्चिमी यूपी में सक्रिय है। 2019 के CAA NRC में प्रदर्शन में फंडिंग कर देश और प्रदेश की ज़रकर को अस्थिर करने की साजिश की थी। जिसमे परवेज आलम की गिरफ्तारी की गई थी। PFI को तभी प्रतिबंधित करने को लेकर राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से सिफारिश की थी। लेकिन मामला लंबित होने के कारण एक बार फिर PFI ने देश और प्रदेश की सरकार को अस्थिर करने की साजिश तेज कर दी है।