
नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को जानकारी दी कि जनवरी में UPI लेन-देन का आंकड़ा 16.99 बिलियन को पार कर गया और इसने 23.48 लाख करोड़ रुपये से अधिक का मूल्य दर्ज किया, जो अब तक किसी भी महीने में दर्ज किया गया सबसे अधिक लेन-देन है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि 2023-24 के दौरान डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में अद्वितीय विस्तार देखा गया है।
UPI: भारत के डिजिटल भुगतान के मुख्य स्तंभ के रूप में उभरता है
यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) भारत के डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र का मुख्य आधार बना हुआ है, जो देशभर में खुदरा भुगतान के 80 प्रतिशत हिस्से का योगदान देता है। मंत्रालय ने अपने बयान में यह जानकारी दी।
2023-24 में UPI लेन-देन का कुल आंकड़ा 131 बिलियन के पार
कुल लेन-देन का आंकड़ा 2023-24 में 131 बिलियन को पार कर गया, और इस अवधि में इसका मूल्य 200 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। इसके आसान उपयोग और बढ़ते हुए बैंकों और फिनटेक प्लेटफार्मों के नेटवर्क के कारण UPI को देश भर में रीयल-टाइम भुगतान के लिए लाखों उपयोगकर्ताओं द्वारा प्राथमिक भुगतान विधि के रूप में स्वीकार किया गया है।
अभी तक 80 से अधिक UPI ऐप्स और 641 बैंक जुड़े
वित्त मंत्रालय के अनुसार, जनवरी 2025 तक UPI पारिस्थितिकी तंत्र में 80 से अधिक UPI ऐप्स और 641 बैंक सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं।
P2M और P2P लेन-देन में वृद्धि
वित्तीय वर्ष 24-25 (जनवरी 2025 तक) में P2M (People to Merchant) लेन-देन ने 62.35 प्रतिशत योगदान दिया, जबकि P2P (People to People) लेन-देन ने 37.65 प्रतिशत योगदान दिया। मंत्रालय ने यह भी बताया कि जनवरी 2025 में P2M लेन-देन का योगदान 62.35 प्रतिशत था, जिसमें से 86 प्रतिशत लेन-देन की राशि 500 रुपये तक थी, जो यह दर्शाता है कि UPI नागरिकों के बीच छोटे मूल्य वाले भुगतान के लिए विश्वसनीय भुगतान विधि के रूप में लोकप्रिय है।









