भारत में UPI लेन-देन ने बनाया नया रिकॉर्ड, मई में ₹25.14 ट्रिलियन की राशि का कारोबार

FASTag लेन-देन में भी इस महीने 5% की वृद्धि देखी गई, जो अप्रैल में 383 मिलियन से बढ़कर मई में 404 मिलियन हो गई।

भारत में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) पर मई महीने में 18.68 बिलियन लेन-देन दर्ज हुए, जिनकी कुल ₹25.14 ट्रिलियन की राशि थी। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा रविवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, मई में लेन-देन की संख्या और मूल्य दोनों में क्रमशः 4% और 5% की वृद्धि हुई, जो अप्रैल के 17.89 बिलियन और ₹23.95 ट्रिलियन से अधिक हैं।

UPI लेन-देन में 33% सालाना वृद्धि

मई के महीने में लेन-देन की मात्रा में 33% की सालाना वृद्धि दर्ज की गई, जबकि लेन-देन का मूल्य 23% बढ़ा। मार्च 2025 में पूर्व रिकॉर्ड्स के मुताबिक, UPI ने 18.3 बिलियन लेन-देन और ₹24.77 ट्रिलियन की राशि का कारोबार किया था।

दैनिक UPI लेन-देन में वृद्धि

मई महीने में दैनिक लेन-देन की संख्या 596 मिलियन से बढ़कर 602 मिलियन हो गई, जिसके परिणामस्वरूप लेन-देन की कुल मूल्य में भी वृद्धि हुई, जो अप्रैल के ₹79,831 करोड़ से बढ़कर ₹81,106 करोड़ हो गई।

IMPS लेन-देन में 3% की वृद्धि

इमीडिएट पेमेंट सर्विस (IMPS) में मई में 464 मिलियन लेन-देन हुए, जो अप्रैल के 449 मिलियन से 3% अधिक हैं। इसके मूल्य में भी 3% की वृद्धि हुई, जो ₹6.22 ट्रिलियन से बढ़कर ₹6.41 ट्रिलियन हो गया। मार्च में यह संख्या 462 मिलियन और ₹6.67 ट्रिलियन थी।

FASTag लेन-देन में 5% का उछाल

FASTag लेन-देन में भी इस महीने 5% की वृद्धि देखी गई, जो अप्रैल में 383 मिलियन से बढ़कर मई में 404 मिलियन हो गई। FASTag लेन-देन का कुल मूल्य भी ₹7,087 करोड़ तक पहुंच गया, जो अप्रैल के ₹6,801 करोड़ से 4% अधिक था।

मई के FASTag आंकड़ों में पिछले साल की तुलना में 16% अधिक मात्रा और 20% अधिक मूल्य का लेन-देन हुआ।

AePS लेन-देन में 11% का इजाफा

आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AePS) में मई में 11% की वृद्धि हुई, जो अप्रैल के 95 मिलियन से बढ़कर 105 मिलियन लेन-देन तक पहुंच गई। लेन-देन का कुल मूल्य ₹28,703 करोड़ था, जो अप्रैल के ₹26,618 करोड़ से 8% अधिक था।

कुल मिलाकर डिजिटल पेमेंट्स का उन्नति की दिशा में एक मजबूत कदम

भारत में डिजिटल भुगतान की बढ़ती मांग और UPI, IMPS, FASTag जैसे प्लेटफार्मों का व्यापक उपयोग इस बात का प्रमाण है कि डिजिटल वित्तीय लेन-देन में एक मजबूत वृद्धि हो रही है, जो न केवल देश की अर्थव्यवस्था को गति दे रहा है बल्कि उपभोक्ताओं को सुविधाजनक और सुरक्षित तरीके से भुगतान करने का अवसर भी प्रदान कर रहा है।

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