हंगामेदार संसद का सत्र…राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे और जगदीप धनखड़ के बीच हुई तीखी बहस

दिल्ली- संसद का शीतकालीन सत्र शुरू से हंगामेदार रहा है…राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे और जगदीप धनखड़ के बीच तीखी बहस हुई. राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर हंगामा हुआ.

बता दें कि हंगामे के बीच सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, “मैं किसान का बेटा हूं, मैं कमजोरी नहीं दिखाऊंगा। मैं अपने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दूंगा। आपको (विपक्ष को) 24 घंटे एक ही काम है, किसान का बेटा यहां क्यों बैठा है…देखिए आप क्या कह रहे हैं। मैंने बहुत कुछ सहन किया है…आपको प्रस्ताव लाने का अधिकार है, लेकिन आप संविधान का अपमान कर रहे हैं…”

वहीं राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “आप (भाजपा) सदस्यों को दूसरे दलों के सदस्यों के खिलाफ बोलने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं…मैं तो किसान मजदूर का बेटा हूं। मैंने आपसे ज्यादा चुनौतियों का सामना किया है…आप हमारी पार्टी के नेताओं का अपमान कर रहे हैं, आप कांग्रेस का अपमान कर रहे हैं…हम यहां आपकी तारीफ सुनने नहीं आए हैं, हम यहां चर्चा करने आए हैं…”

क्यों लाया गया धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव?

बता दें कि विपक्षी इंडिया ब्लॉक की ओर से राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) पेश किया था। विपक्ष ने धनखड़ पर आरोप लगाया कि उनके द्वारा राज्यसभा की कार्रवाई अत्यंत पक्षपातपूर्ण तरीके से संचालित किया जा रहा. जिसके चलते उन्हें यह कदम उठाना पड़ा.

मिली जानकारी के अनुसार प्रस्ताव पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, द्रमुक, समाजवादी पार्टी समेत कई अन्य विपक्षी दलों के 60 नेताओं ने हस्ताक्षर किया है।

राज्यसभा सभापति पर लगा ये आरोप

दरअसल, विपक्ष का आरोप है कि उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा है और काम रोको प्रस्ताव का इस्तेमाल सिर्फ सत्ता पक्ष के लिए किया जा रहा है।

72 साल में पहली बार हुआ ऐसा

गौरतलब हो कि, देश के पूरे 72 साल के संसदीय इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब विपक्षी दलों के तरफ से उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है।

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