
प्रत्यर्पण से बचने की कोशिश नाकाम
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तानी मूल के आतंकवादी तहव्वुर राणा की वह याचिका खारिज कर दी है, जिसमें उसने भारत प्रत्यर्पण से बचने की अपील की थी। राणा ने अपनी याचिका में स्वास्थ्य और यातना का हवाला देते हुए भारत न भेजे जाने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। इस फैसले के बाद राणा के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया है।
याचिका में यातना का दिया था हवाला
राणा ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में दलील दी थी कि उसे भारत को सौंपना अमेरिकी कानून और संयुक्त राष्ट्र के यातना विरोधी समझौते का उल्लंघन होगा। उसने यह भी दावा किया कि मुंबई हमलों का आरोपी होने और पाकिस्तानी मूल का मुस्लिम होने के कारण भारत में उसे यातना दिए जाने का खतरा बढ़ जाता है।
26/11 मुंबई हमलों से जुड़ा है राणा का नाम
भारत 26 नवंबर 2008 को हुए मुंबई आतंकी हमले के मामले में तहव्वुर राणा को तलाश रहा है। 64 वर्षीय राणा पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली का सहयोगी था, जो 26/11 के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक था। भारत का दावा है कि राणा ने भी इस हमले में अहम भूमिका निभाई थी, इसलिए उसे प्रत्यर्पित कर कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।