
USAID News: एलन मस्क के नेतृत्व वाली संस्था अमेरिकी सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) के इस दावे ने कि उसने “भारत में मतदान प्रतिशत” को प्रभावित करने के लिए दिए जाने वाले अमेरिकी फंड को रद्द कर दिया है। इस मुद्दे के उठने के बाद से भारत में भी इसे लेकर एक बहस छिड़ गई है। भारत में इसे लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं। तो वहीं दूसरी ओर पीएम के सलाहकार ने इसे मानव इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला बताया है। अमेरिकी एजेंसी DOGE के मुताबिक USAID भारत ही नहीं बल्कि पड़ोसी देशों जैसे बांग्लादेश में राजनीतिक अव्यवस्था को सुधारने और नेपाल में राजकोषीय संघवाद को प्रभावित करने के लिए दी जाती थी।
पीएम के सलाहकार ने बताया सबसे बड़ा घोटाला
पीएम मोदी के सलाहकार संजीव सान्याल ने इसे इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला बताया। भारत को दी जाने वाली इस फंडिंग पर सवाल उठाए। उन्होंने यूएसएड को मानव इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला कहा।
बीजेपी कांग्रेस पर हुई हमलावर
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमित मालवीय ने कहा कि मतदाताओं के लिए 21 मिलियन डॉलर? ये निश्चित तौर पर भारत की चुनावी प्रक्रिया में सीधा हस्तक्षेप है। इससे भला लाभ होगा किसे निश्चित तौर पर सत्तारुढ़ दल को तो नहीं ही होगा। अमित मालवीय ने बताया कि 2012 में एसवाई कुरैशी के नेतृत्व में भारत निर्वाचन आयोग ने इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था। ये संगठन जॉर्ज सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन से जुड़ा था।
कांग्रेस ने किया पलटवार
अमित मालवीय ने जो आरोप कांग्रेस को लेकर लगाए उसपर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने ने जवाब देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि साल 2012 में जब कथित तौर पर अनुदान दिया गया था, तब सत्ता में भाजपा नहीं बल्कि कांग्रेस थी। इसलिए, तर्क के अनुसार: सत्तारूढ़ पार्टी इस तथाकथित ‘बाहरी हस्तक्षेप’ को प्राप्त करके अपनी चुनावी संभावनाओं को नुकसान पहुंचा रही थी। विपक्ष ने सोरोस/USAID के कारण 2014 का चुनाव जीता।”