Uttar Pradesh: “न बंटेंगे न कटेंगे, 2027 में नफरत वाले हटेंगे” पोस्टर वार से मचा सियासी बवाल..

'न बटेंगे न कटेंगे, 2027 में नफरत वाले हटेंगे..ऐसे ही तमाम तरह के बयानों के पोस्टर राजनीति पार्टियों के द्वारा लगाए जा रहे हैं..

Uttar Pradesh: देश में जब भी चुनावी मौसम आता है तो सियासत धर्म और जाति के नाम पर बंट जाती है. नेता आम लोगों के बीच जाकर धर्म और जाति की राजनीति करते हुए वोटों की मांग करते हैं. इसी चक्कर में अक्सर नेताओं की जुबान भी फिसल जाती है और वे ऐसी बात कह जाते हैं, जिससे बवाल हो जाता है. उत्तर प्रदेश के सियासी गलियारों में भी आजकल ऐसा ही हैं.. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक बयान की खूब चर्चा है.. चर्चा ही नहीं बल्कि बवाल मचा हुआ हैं..

उपचुनाव को लेकर यूपी में होर्डिंग वार

हर किसी की जुबान पर CM योगी का बयान छाया हुआ हैं.. वही इसी मुद्दे पर उपचुनाव को लेकर यूपी में होर्डिंग वार भी शुरु हो गया हैं.. पहले भाजपा ने होर्डिंग लगाए थे कि बटेंगे तो कटेंगे. अब इसके जवाब में भाजपा के बाद सपा ने होर्डिंग लगाए हैं.. होर्डिंग पर लिखवाया हैं कि ‘न बटेंगे न कटेंगे, 2027 में नफरत वाले हटेंगे..ऐसे ही तमाम तरह के बयानों के पोस्टर राजनीति पार्टियों के द्वारा लगाए जा रहे हैं..

“हिंदू-मुस्लिम एक रहेंगे तो नेक रहेंगे”

अगर बात करें समाजवादी पार्टी की तो.. लखनऊ पश्चिम विधानसभा के सचिव रंजीत सिंह ने “न बंटेंगे न कटेंगे, 2027 में नफरत वाले हटेंगे” और “हिंदू-मुस्लिम एक रहेंगे तो नेक रहेंगे” जैसे नारे के साथ होर्डिंग्स लगवाई हैं, ये होर्डिंग्स सीएम आवास, सपा कार्यालय, राजभवन और अन्य प्रमुख जगहों पर पर लगाए गए हैं.. ये होर्डिंग्स शहर में चर्चा का विषय बनी हुई हैं..

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“2027 में निषाद का साथ बीजेपी के लिए जरूरी”

इसके अलावा उपचुनाव में एक भी सीट न मिलने से नाराज भाजपा की सहयोगी पार्टी निषाद पार्टी ने लखनऊ में कई जगहों पर होर्डिंग्स लगाकर बीजेपी को संदेश देने का नया दांव खेला है. “सत्ताईस का नारा, निषाद है सहारा” और “2027 में निषाद का साथ बीजेपी के लिए जरूरी” जैसे नारों के साथ यह होर्डिंग्स सपा कार्यालय, सीएम आवास, राजभवन, बीजेपी कार्यालय और निषाद पार्टी प्रमुख संजय निषाद के आवास के पास लगाई गई हैं.

पार्टी अपनी ताकत का कर रही प्रदर्शन

ये होर्डिंग्स निषाद पार्टी के नेता बिजेंद्र कुमार त्रिपाठी ने लगवाई हैं.. इन होर्डिंग्स के जरिए पार्टी अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रही है. इन होर्डिंग्स ने लखनऊ में राजनीतिक हलचल को बढ़ा दिया है, और 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी पर समर्थन की शर्त रखने का संकेत दिया है..

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