उत्तर प्रदेश बने दुनिया का शीर्ष रक्षा उत्पादन केंद्र, ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंटीग्रेशन के उद्घाटन में बोले रक्षामंत्री

डिफेंस कॉरिडोर में अब तक लगभग 180 एमओयू साइन किए जा चुके हैं और करीब 4,000 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है।

ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के खिलाफ भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रतीक

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वर्चुअल माध्यम से लखनऊ में ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंटीग्रेशन एवं टेस्टिंग फैसिलिटी का उद्घाटन किया। उन्होंने इस अवसर पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए कहा कि यह ऑपरेशन भारत की राजनीतिक, सामाजिक और सामरिक इच्छाशक्ति को दर्शाता है। भारतीय सेना ने आतंकियों को माकूल जवाब देते हुए उनके ठिकानों को रावलपिंडी तक ध्वस्त किया।

नया भारत – आतंक के खिलाफ सीमा के पार भी कार्रवाई करेगा

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत अब आतंकवाद को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपना चुका है। सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट एयरस्ट्राइक और अब ‘मल्टिपल स्ट्राइक’ भारत की इसी नीति का प्रमाण हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत आतंकियों को कहीं भी सुरक्षित नहीं रहने देगा।

ब्रह्मोस फैसिलिटी: 40 महीने में पूरा हुआ सपना

रक्षा मंत्री ने बताया कि ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंटीग्रेशन फैसिलिटी की नींव उन्होंने स्वयं रखी थी और योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इसे मात्र 40 महीनों में पूरा कर दिखाया। यह निर्णय आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है।

कानपुर बनेगा फिर से औद्योगिक हब

राजनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर की सराहना की और कहा कि इससे कानपुर जैसे शहर फिर से औद्योगिक ऊंचाइयों पर पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि “भविष्य में अगर कोई पश्चिमी देश तरक्की करेगा, तो उसे ‘कानपुर ऑफ द वेस्ट’ कहा जाएगा।”

डिफेंस कॉरिडोर में हुआ 34,000 करोड़ का निवेश

डिफेंस कॉरिडोर में अब तक लगभग 180 एमओयू साइन किए जा चुके हैं और करीब 4,000 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है। इसमें ड्रोन, यूएवी, गोला-बारूद, टाइटेनियम प्लांट जैसे प्रोजेक्ट्स शामिल हैं।

ब्रह्मोस: भारत और रूस की रक्षा तकनीक का संगम

ब्रह्मोस मिसाइल को दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक मिसाइलों में गिना जाता है। यह परियोजना भारत और रूस की उच्च तकनीक साझेदारी का प्रतीक है। यह फैसिलिटी न केवल सैन्य मजबूती बढ़ाएगी, बल्कि स्थानीय रोजगार और MSME उद्योग को भी बल देगी।

‘मेक इन इंडिया’ से ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ की ओर कदम

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर वर्ल्ड’ नीति के तहत अब रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता तेजी से बढ़ रही है। लखनऊ अब तकनीकी संगम के केंद्र के रूप में उभर रहा है।

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