उत्तर प्रदेश में 20,000 वेफर्स क्षमता वाली ओसैट यूनिट से सेमीकंडक्टर हब बनेगा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगातार यह कहा है कि उत्तर प्रदेश को निवेश के लिए सबसे भरोसेमंद राज्य बनाना सरकार की प्राथमिकता है

लखनऊ– उत्तर प्रदेश में भारत के सेमीकंडक्टर मिशन को नई दिशा और गति मिलने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा आत्मनिर्भर और तकनीकी आधारित अर्थव्यवस्था के निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। इस दिशा में एचसीएल और फॉक्सकॉन की साझेदारी से ओसैट यूनिट की स्थापना की जा रही है, जो 20,000 वेफर्स प्रति माह की उत्पादन क्षमता के साथ देश की सेमीकंडक्टर आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के बाद तेज़ी से शुरू होगा काम
यह परियोजना उत्तर प्रदेश में सेमीकंडक्टर क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी, और इसके तहत हर माह 20,000 सिलिकॉन वेफर्स की प्रोसेसिंग की जाएगी। अधिकारियों के अनुसार, जनवरी 2026 में इसका ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी संभावित है, जिसके बाद परियोजना पर काम तेजी से शुरू होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगातार यह कहा है कि उत्तर प्रदेश को निवेश के लिए सबसे भरोसेमंद राज्य बनाना सरकार की प्राथमिकता है, और यह साझेदारी इसी दिशा में एक कदम है।

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में ओसैट यूनिट
एचसीएल ग्रुप की चेयरपर्सन, रोशनी नादर मल्होत्रा के अनुसार, केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने के बाद यह यूनिट यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में जेवर एयरपोर्ट के पास स्थापित की जाएगी। इस परियोजना के लिए लगभग 3706 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, और यह उत्तर प्रदेश की पहली सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्टिंग सुविधा होगी। इस यूनिट से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि यह संयंत्र चिप निर्माण की आधारशिला माने जाने वाले वेफर्स के उत्पादन में एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा।

सेमीकंडक्टर चिप्स का बड़े पैमाने पर उत्पादन
इस यूनिट में डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स का निर्माण किया जाएगा, जो मोबाइल फोन, लैपटॉप, पर्सनल कंप्यूटर, ऑटोमोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में उपयोग होते हैं। वर्तमान में भारत इन चिप्स के लिए बड़ी मात्रा में आयात पर निर्भर है। 20,000 वेफर्स की मासिक प्रोसेसिंग से यह सुनिश्चित होगा कि भारत में इन चिप्स की आपूर्ति घरेलू स्तर पर मजबूत हो, और आयात निर्भरता में भारी कमी आएगी। इसके साथ ही, इस संयंत्र की स्थापना से डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स की बढ़ती घरेलू मांग को पूरा किया जा सकेगा।

सेमीकंडक्टर स्किल डेवलपमेंट पर ध्यान
एचसीएल और फॉक्सकॉन की साझेदारी तकनीकी क्षमता और वैश्विक अनुभव का संगम साबित होगी। इस परियोजना में सेमीकंडक्टर स्किल डेवलपमेंट पर भी जोर दिया जाएगा, जिससे इस यूनिट की उच्च क्षमता को संचालित करने के लिए कुशल मानव संसाधन तैयार किया जा सकेगा। सेमीकंडक्टर उद्योग के विशेषज्ञों के अनुसार, 20,000 वेफर्स प्रति माह की यह उत्पादन क्षमता उत्तर प्रदेश को सेमीकंडक्टर वैल्यू चेन में मजबूत स्थान दिलाने के साथ-साथ भारत को वैश्विक चिप मैन्युफैक्चरिंग मानचित्र पर एक कदम और आगे ले जाएगी।

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