चारधाम यात्रा रजिस्ट्रेशन बंद, फजीहत में तीर्थयात्री, प्रशासन ने हाथ खड़े किए

सैकड़ों यात्री ऐसे है, जिनका रजिस्ट्रेशन न होने के कारण 10 दिनों से ऋषिकेश में खुली छत के बिना खाए पिए नीचे सोना पड़ रहा है।

चारधाम यात्रा में बढ़ती तीर्थयात्रियों की संख्या से व्यवस्था पटरी से नीचे गिरती नजर आ रही है। जिसको पटरी पर लाने के लिए प्रशासन अब कसरत करने में जुट गया है। रजिस्ट्रेशन न होने के कारण चारधाम यात्रा करने पहुंचे तीर्थयात्रियों को फजीहत का सामान करना पड़ रहा है। सैकड़ों यात्री ऐसे है, जिनका रजिस्ट्रेशन न होने के कारण 10 दिनों से ऋषिकेश में खुली छत के बिना खाए पिए नीचे सोना पड़ रहा है।

गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे यात्रा पंजीकरण कार्यालय परिषद पहुंचे। उन्होंने निरीक्षण के बाद तमाम विभागों के अधिकारियों के साथ एक बैठक की। बस ऑपरेटर और रोटेशन समिति को भी खासतौर पर चर्चा के लिए बुलाया गया। मीडिया से बातचीत करते हुए गढ़वाल आयुक्त ने बस ऑपरेटरों की नाराजगी को दूर करने का दावा किया है। गढ़वाल आयुक्त ने बताया कि सरकार की प्राथमिकता सबसे पहले तीर्थयात्रियों की सुरक्षा है, उसके बाद उनकी सुगम यात्रा है। 

फिलहाल ऋषिकेश में करीब 6 से 7 हजार तीर्थयात्रियों का बैकलॉग है। जिन्हें प्राथमिकता के तौर पर चार धाम यात्रा पर भेजने की कोशिश की जा रही है। फिलहाल चारों धामों में पहले के मुकाबले स्थिति काफी सामान्य हो गई है। हर जिले के डीएम अपनी रिपोर्ट समय-समय पर भेज रहे हैं। जिससे रुके हुए तीर्थयात्रियों को यात्रा मार्ग पर भेजा जा सके। उम्मीद है कि कल तक ऋषिकेश में रुके तीर्थयात्रियों को यात्रा मार्ग पर स्पेशल पंजीकरण के साथ भेजने की व्यवस्था की जाएगी। 31 मई तक ऑफलाइन पंजीकरण पर रोक है। स्थिति में थोड़ा और सुधार हो जाए तो इसकी तारीख में भी फेरबदल किया जा सकता है।

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