उत्तराखंड में बिजली उपभोक्ताओं को महंगाई का तगड़ा झटका लग सकता है. प्रदेश में बिजली की आपूर्ति 24 घंटे सुनिश्चित करने के लिए निगमों को महंगी दरों में बिजली खरीदनी पड़ रही है जिससे वो करीब 400 करोड़ रुपये का घाटा सह चुके हैं. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक अब निगम बिजली के रेट बढ़ाने की तैयारी में जुटा हुआ है.
बिजली दरों में संभावित बढ़ोत्तरी को लेकर जानकारों ने सरकार की खुली आलोचना शुरू कर दी है. उनका मानना है कि बिजली को लेकर सरकार की नीतियां ही पूरी तरह गलत है. एक तरफ जहां बड़े उद्योगपतियों को बिजली इस्तेमाल के लिए सब्सिडी दी जा रही है तो वहीं छोटे दुकानदार और आम उपभोक्ताओं बिजली दरों से बेहद असंतुष्ट हैं.
ऐसा पहली बार नहीं है जब राज्य में बिजली दरों की बढ़ोत्तरी के कयास लगाए जा रहे हैं. राज्य में 1 अप्रैल को भी बिजली की कीमतें बढ़ाई गईं थी. हालांकि बढ़ती कीमतों और महंगाई से आम उपभोक्ताओं को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. ऐसा पहली बार हो रहा है कि महंगाई बढ़ने से जनता में कोई रोष नहीं देखा जा रहा है. लोग महंगाई की मार सहने के आदी हो चुकी है.
अभी आज शनिवार की ही खबर है कि देशभर में रसोई गैस के घरेलू सिलेंडर के दामों में 50 रुपये की बढ़ोत्तरी कर दी गई है. इसके बाद राजधानी देहरादून में 14.2 किलोग्राम घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 969 से बढ़कर 1019 रुपये हो गई. बीते 2 वर्षों में चार सौ रुपये से ज्यादा की बढ़ोत्तरी के साथ देश में घरेलू गैस सिलेंडरों की कीमतें करीब 18 बार बढ़ाई जा चुकी हैं. वहीं अब जल्द ही लोगों को बढे हुए बिजली दरों के रूप में महंगाई का दोहरा झटका लगने वाला है.