Uttarakhand Rain 2025 : बागेश्वर में बादल फटने से दो महिलाओं की मौत, तीन लापता

Bageshwar cloudburst. बागेश्वर जिले के पौंसारी गांव में शुक्रवार सुबह बादल फटने की घटना हुई, जिसने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया। घटना में दो महिलाओं की मौत हो गई है, जबकि तीन लोग अभी भी लापता हैं। प्रशासन और स्थानीय नेताओं ने राहत-बचाव कार्यों में तेजी ला दी है।

बादल फटने के बाद प्रभावित गांव पौंसारी में भारी भूस्खलन हुआ। इस घटना में बसंती देवी और बछुली देवी की मौत हो गई। वहीं, रमेश चंद्र जोशी, गिरीश चंद्र और पूरन चंद्र अभी लापता हैं। डीएम आशीष भटगांई ने बताया कि राहत-बचाव कार्य लगातार जारी है।

विधायक सुरेश गढ़िया और डीएम आशीष भटगांई मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं। क्षेत्र में संचार सुविधा नहीं होने के कारण राहत और समन्वय कार्य में चुनौतियां आ रही हैं।

भारी बारिश से व्यापक नुकसान

बृहस्पतिवार रात कपकोट क्षेत्र में हुई भारी बारिश से पौंसारी और आसपास के इलाकों में तबाही मची। सुबह तक 100 एमएम बारिश दर्ज की गई। सेहरसीला- जगथाना मार्ग के बैसानी से आगे का हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। मालूखेत मैदान के पास सड़क का 20 मीटर से ज्यादा हिस्सा बह गया। चचई में पंपिंग योजना भी बह गई है।

ग्राम सभा सुमटी में लोगों की जमीन धस गई, जबकि ग्राम बैसानी में प्रेम सिंह पुत्र भगवत सिंह का मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। कई अन्य ग्रामीण मकानों को भी नुकसान पहुंचा है। खेत-खलिहान मलबे से पट गए हैं।

पिथौरागढ़ और चंपावत में भी भारी बारिश का असर

पिथौरागढ़ जिले में लगातार मूसलाधार बारिश के कारण 25 से अधिक सड़कें बंद हैं। जिलाधिकारी ने सुरक्षा के मद्देनजर विद्यालयों में अवकाश घोषित किया। नदी नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, विशेषकर धारचूला में काली नदी चेतावनी स्तर से ऊपर बह रही है। प्रशासन ने लोगों से नदी नालों और नदी के किनारे जाने से परहेज करने की अपील की है।

चंपावत जिले में भी 12 घंटे से हो रही लगातार बारिश के कारण कई सड़कें बंद हैं। ऑरेंज अलर्ट के चलते जिले के सभी विद्यालयों में शुक्रवार सुबह अवकाश घोषित किया गया।

उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं से प्रशासन की तैयारियों की परीक्षा हो रही है। प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य तीव्रता से जारी हैं, लेकिन संचार और अवरुद्ध मार्गों के कारण समन्वय और राहत कार्यों में चुनौतियां बनी हुई हैं।

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