Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तरकाशी के सिल्क्यारा टनल में 17 दिनों से फंसे मजदूर आखिरकार बाहर आ गए गए हैं। इस दौरान कई समस्याएं आईं लेकिन बचाव कर्मियों की कड़ी मेहनत रंग लाई और सभी मजदूर सुरक्षित निकाले जा रहे हैं। टनल के मुहाने पर खड़ी एम्बुलेंस से सभी श्रमिकों को सीधे अस्पताल ले जाया जा रहा है। वहां प्राथमिक उचार के बाद उन्हें सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाया दिया जाएगा। इस मौके पर सीएम धामी भी सिल्क्यारा टनल पहुंच चुके हैं। उन्होंने बताया कि टनल में ड्रिलिंग का कार्य पूरा हो चुका है। श्रमिक बाहर निकाले जा रहे हैं।
अबतक 15 श्रमिकों को बाहर निकाला गया है। बताया गया कि बचाव टीम को 57 मीटर पर मिला ब्रेकथ्रू। मुख्य सुरंग के भीतर चिकित्सकों की टीम श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है। केंद्रीय राज्य मंत्री वीके सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बाहर निकाले गए श्रमिकों से बातचीत कर रहे हैं।
लेकिन चिकित्सकों की सलाह के अनुसार श्रमिकों को कुछ समय तक सुरंग के अंदर ही रखा और वहीं पर उनका स्वास्थ्य परीक्षण होगा क्योंकि श्रमिक सुरंग में जिस जगह फंसे थे वहां का तापमान लगभग 30 से 35 डिग्री के आसपास है, जबकि सुरंग के बाहर सिलक्यारा का वर्तमान तापमान आज 10 डिग्री के आसपास है।
टनल से अस्पताल तक ग्रीन कॉरिडोर तैयार
मजदूरों को टनल से निकालते ही अस्पताल ले जायाजाएगा। इसके लिए टनल से अस्पताल तक के लिए ग्रीन कॉरिडोर तैयर किया गया है। जिससे मजदूरों को किसी तरह की असुविधा न हो सके। उन्हेंन तत्काल अस्पताल ले जाया जा सके। एम्बुलेंस में मजदूरों के परिजन भी अस्पताल जा रहे हैं।
सचिव उत्तराखंड शासन डॉ. नीरज खैरवाल ने मजदूरों के निकलने से पहले मीडिया से बात करते हुए बताया था कि कि पाइप में फंसे ऑगर मशीन के हेड को निकालने का कार्य पूरा कर लिया गया था। अब मैन्युअली काम करते हुए पाइप को कुल 55.3 मीटर पाइप पुश कर लिया गया है। अपर सचिव (सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार) एवं एम.डी (एनएचआईडीसीएल) महमूद अहमद ने बताया कि वर्टिकल ड्रिलिंग का कार्य तेजी से चल रहा है। उन्होंने बताया अब तक 44 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग कर ली गई है। आगे का कार्य भी पूरी तेजी एवं सावधानी से किया जा रहा है।
सेना ने संभाली कमान
उत्तरकाशी की सिल्क्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए 17 दिनों से लगाता जद्दोजहद जारी था। निकालने में काफी मसक्कत के बाद निकाल लिया गया। इसके बाद मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू की गई। दिवाली के दिन हुए हादसे में सभी मजदूर टनल में फंस गए थे। मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए भारतीय सेना को भी लगा दिया गया था। माना जा रहा था कि बारिश में बचाव दल को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन अधिक बारिश नहीं हुई और टीम को सफलता मिली।