प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वाराणसी पहुंच गये हैं। जहां उन्होने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, हमारे पुराणों में कहा गया है कि जैसे ही कोई काशी में प्रवेश करता है सारे बंधनों से मुक्त हो जाता है। हमारे पुराणों में कहा गया है कि जैसे ही कोई काशी में प्रवेश करता है, सारे बंधनों से मुक्त हो जाता है। भगवान विश्वेश्वर का आशीर्वाद, एक अलौकिक ऊर्जा यहाँ आते ही हमारी अंतर-आत्मा को जागृत कर देती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, जब भी कोई शुभ अवसर होता है सारी शक्तियां, देवियां काशी में उपस्थित हो जाती हैं। यहां आसपास जो अति प्राचीन मंदिर विलुप्त हो गए थे उन्हें भी पुनर्स्थापित कर दिया गया है। विश्वनाथ धाम का यह पूरा परिसर एक भव्य भवन भर नहीं है। यह प्रतीक है हमारी सनातन संस्कृति, प्राचीनता, ऊर्जा, परंपरा और गतिशीलता का। जब आप यहां आएंगे तो आस्था और अतीत के गौरव का अहसास भी होगा।
पीएम मोदी ने कहा,आज शिव जी का प्रिय दिवस सोमवार है। आज की तिथि मार्गशीर्ष शुक्ला दशमी, विक्रम संवत् 2078 नया इतिहास रच रही है और हम इसके साक्षी बन रहे हैं। यहां आसपास जो अति प्राचीन मंदिर विलुप्त हो गए थे, उन्हें भी पुनर्स्थापित कर दिया गया है। बाबा विश्वनाथ सबके हैं, मां गंगा सबकी है। उनका आशीर्वाद सबके लिए है लेकिन समय और परिस्थिति के चलते यहां आना दुर्गम हो गया था, लेकिन अब यहां पहुंचना सुगम हो गया है।
पीएम बोले, पहले यहां जो मंदिर क्षेत्र केवल 3000 वर्ग फीट में था वो अब 5 लाख वर्ग फीट का हो गया है। अब यहां 70 हजार तक श्रृद्धालु आ सकते हैं। पहले यहां जो मंदिर क्षेत्र केवल 3000 वर्ग फीट में था वो अब 5 लाख वर्ग फीट का हो गया है। अब यहां 70 हजार तक श्रृद्धालु आ सकते हैं। जब मैं बनारस आया था तब एक विश्वास लेकर आया था, विश्वास अपने से ज्यादा बनारस के लोगों पर था। आज हिसाब-किताब का समय नहीं है।
पीएम ने कहा, तब कुछ ऐसे लोग भी थे जो बनारस के लोगों पर संदेह करते थे कि कैसे होगा, नहीं होगा, ये मोदी जी जैसे बहुत आकर गए। मुझे बहुत आश्चर्य होता था, लेकिन ये जड़ता बनारस की नहीं थी, वो राजनीति थी। लेकिन काशी तो, काशी है। काशी तो अविनाशी है। काशी में एक ही सरकार है। जिनके हाथों में डमरू है, उनकी सरकार है।
पीएम मोदी ने कहा, जहां गंगा अपनी धारा बदलकर बहती हो उस काशी को भला कौन रोक सकता है। शिव ने स्वयं कहा है कि मेरी इच्छा के बिना यहां कौन आ सकता है। काशी में जो कुछ भी होता है महादेव की इच्छा से हुआ है, जो भी हुआ है महादेव ने ही किया है। जहां गंगा अपनी धारा बदलकर बहती हो उस काशी को भला कौन रोक सकता है। शिव ने स्वयं कहा है कि मेरी इच्छा के बिना यहां कौन आ सकता है। काशी में जो कुछ भी होता है महादेव की इच्छा से हुआ है, जो भी हुआ है महादेव ने ही किया है।