
विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के पनोद, धनगढ़ी, मोहान क्षेत्र में बाघ के डर के चलते ग्रामीण डर के साये में जीने को मजबूर है। वहीं लगातार हमला कर रहे बाघों को रोकने के लिए कॉर्बेट प्रशासन विदेशों की तर्ज पर पुतलों से बाघो को करंट लगाकर इंसानों से दूर रखने का कर रहे है प्रयास। बता दें कि कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व व वन प्रभाग रामनगर से लगते क्षेत्रों में पिछले 2हफ्तों में मानव वन्यजीव की 2घटनाएं हुई है,जिसके बाद कॉर्बेट प्रशासन के साथ ही रामनगर वन प्रभाग की टीम द्वारा घटना को अंजाम देने वाले बाघ को लगातार ट्रेंकुलाइज करने का प्रयास किया जा रहा है।

जिसके लिये ड्रोन की मदद से हाथियों की मदद से, साथ ही वैटनरी डॉक्टरों की 3 टीमें भी बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के लिए क्षेत्र में लगी है। साथ ही ड्रोन्स व लाइव स्ट्रीमिंग के जरिये भी बाघ को ट्रेंकुलाइज करने का प्रयास किया जा रहा है। उसके साथ ही पहली बार विदेशों की तर्ज पर ही इलेक्ट्रिफाइड इंसानों सी दिखने वाली डमीज का उपयोग कर आक्रमक हो रहे बाघों के व्यवहार में बदलाव का भी किया जा रहा है।
वन्यजीव प्रेमी संजय छिम्वाल कहते है कि निश्चित रूप से यह चिंता का विषय है,क्योंकि इस क्षेत्र में बहुत आवागमन होता है, क्योकि पैदल के साथ-साथ वाहन चालक बहुत बार रुककर सेल्फी भी यहां पर लेते हैं। पिछले कुछ महीने में यहां पर 6घटनाएं हुई है,जिनमे 4लोगो की मौत हो चुकी है, लेकिन अभी तक बाघ पकड़ा नहीं गया है। हालांकि विभाग द्वारा इस बाघ को चिन्हित कर लिया गया है, साथ ही विभाग द्वारा इस बाघ को पकड़ने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
संजय छिम्वाल कहते है कि बाघ संरक्षण के लिए यह बेहद जरूरी है कि मुख्य रूप से जो बाघ इसका मुख्य कारण है। जो आदमकोर है, उसका पकड़ा जाना बेहद जरूरी है,क्योकि इस आदमखोर बाघ की वजह से दूसरे बाघो के प्रति लोगो का रोष बढ़ रहा है। वे कहते हैं कि जितनी जल्दी हो सके वन विभाग की टीम इसको ट्रेंकुलाइज करके जो रेस्क्यू सेंटर बनाया गया है वहां स्थानांतरित किया जाना चाहिए। जिससे बाघों का भी संघरक्षण हो और लोगो मे बाघ का भय भी दूर हो।
वहीं ज्यादा जानकारी देते हुए कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व के निदेशक ने डॉ धिरज पांडे ने बताया कि अब यह चिंता का विषय है कि पिछले 2हफ़्तों में बाघ द्वारा 2 युवकों को हमला कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया, उन्होंने कहाँ की हमारे द्वारा हमला कर रहे बाघ को पकड़ें का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने बताया कि पहली बार विदेशों की तर्ज पर ही इलेक्ट्रिफाइड इंसानों सी दिखने वाली डमीज का उपयोग कर आक्रमक हो रहे बाघों के व्यवहार में बदलाव का भी किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा 2 डमीज बनाई गई है, जिसको पुरुष और महिला का स्वरूप दिया गया है, जिनमे सोलर करंट दौड़ेगा, इंसानों सी दिखने वाली डमीज के माध्यम से जो बाघ इस तरीके से आक्रमक हो रहे है उनके व्यवहार में परिवर्तन आ सके उसको लेकर ये प्रयास किया जा रहा है। क्योकि ये डमीज बाघों के हमले वाले क्षेत्रों में रखी जायेगी, जिन पर बाघ द्वारा हमला करने पर इनमें करंट दौड़ेगा। उन्होंने बताया कि विदेशों में इस तरीके के प्रयोग पहले किये जा चुके है, उन्होंने कहाँ कि इस क्षेत्र में यह पहला प्रयोग है, साथ ही उन्होंने बताया कि कालागढ़ क्षेत्र में इस तरीके का प्रयोग पहले किया जा चुका है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए थे। उन्होंने कहाँ कि हमारा प्रयास है कि जल्द से जल्द इस टाइगर को ट्रेंकुलाइज कर हम रेस्क्यू कर पाए।
आपको बता दें कि बीते कुछ समय में बाघ ने यहां पर 6 लोगों को अपना निवाला बना चुका है, जिसमे 4 लोगो की मौत और 2 लोगो को हमला कर घायल कर चुका है। जिस वजह से कॉर्बेट नेशनल पार्क के अनुरोध पर प्रशासन में इस इलाके में धारा 144 को भी लागू किया है। वहीं पनोद,धनगढ़ी व मोहान आबादी क्षेत्र में हो रहे लगातार बाघ के हमलों की वजह से मोहान क्षेत्र के ग्रामीण डर के साये में जीने को मजबूर है। शाम होते लोग अपने घरों में कैद हो जा रहे है, ग्रामीणों का कहना है कि वे अपने पशुओं के लिए चारा लेने तक नही जा पा रहे है, और बाघ लंबे समय से आबादी के पास देखा जा रहा है,जिसको विभाग अभी तक रेस्क्यू करने में असफल साबित हो रहा है। ग्रामीणों ने वन विभाग से तुरंत इस आदमखोर बाघ को पकड़ने की गुहार लगाई है। आपको बता दें कि जिस क्षेत्र में बाघ की दहसत है उस मोहान क्षेत्र में राजकीय इंटर कॉलेज भी है,बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए वन विभाग ने स्कूल के समय बच्चों को लाने और छोड़ने के लिए वनकर्मियों की तैनाती की है।









